प्रवासी भारतीय तरसे आमों के लिए
अमेरिका में 18 साल बाद भारतीय अलफांसो आम से प्रतिबंध हटने के बावजूद अचार, मुरब्बे और पापड़ से वतन की याद ताजा करने वाले प्रवासी भारतीयों की बड़ी तादाद को इस बार शायद ही आम नसीब हो सकें। फलों का राजा आम बहुत मुश्किल से बड़े अमेरिकी शहरों में मिल पा रहा है। आम के शौकीन भारतीय आम पाने के लिए दक्षिण एशियाई समुदाय के दुकानों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन आम नहीं होने पर उन्हें निराशा का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय आमों पर से प्रतिबंध हटने के बाद आम के शौकीनों ने मैंगो पार्टी का आयोजन करना शुरू कर दिया था लेकिन आमों के इस मौसम में लोगों को पर्याप्त आम नहीं मिलने से इस बार आम की पार्टियों का यह सिलसिला शुरू नहीं हो पाया है। हालत यह है कि आमों के शौकीन लोग दुकान में रोजाना फोन कर पता कर रहे हैं कि आम आया या नहीं।