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Written By WD

पैंसिलवैनिया में नृत्य प्रदर्शन

प्रस्तुति : उमेश ताम्बी

प्रवासी गतिविधि
GN


विगत दिनों पुरातत्व विज्ञान और मानव विज्ञान के अध्ययन और शोधकार्य के लिए विश्वविख्यात यूनिवर्सिटी ऑफ पैंसिलवैनिया के पेन म्यूजियम में 90 फिट वृत्ताकार और करीब 100 फिट ऊंचे गुम्बद के नीचे प्रसिद्ध नृत्यांगना नृतिका लक्ष्‍मी ने विभिन्न पौराणिक कथाओं पर आधारित नृत्य शैलियों का मंत्र-मुग्‍ध करने वाला प्रदर्शन किया। नृत्य के साथ ही उसके विश्वेषण को भी दर्शकों ने बहुत पसंद किया।

कोलकाता में जन्मी नृतिका लक्ष्‍मी ने बचपन में ओडिसी नृत्य की शिक्षा भुवनेश्वर में प्राप्त की। तत्पश्चात अपने परिवार के साथ चेन्नई में रहने लगी। नृतिका ने भरतनाट्यम् नृत्य और संगीत की शिक्षा प्रोफेसर सुधा रानी रघुपति के विशेष मार्गदर्शन में प्राप्त की। जैसे कि हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में घराने होते हैं, वैसे ही भरतनाट्यम् में भी विभिन्न शैलियां होती हैं जिसे 'भानी' भी कहते हैं। नृतिका के गुरु ने इन्हें तंजावुर शैली में पारंगत किया।

अस्सी के दशक में ही नृतिका ने अरंगेत्रम् (अमेरिका में जिसे ग्रेजुएशन भी कहा जाता है) पूरा किया और अनेक नृत्य प्रोडक्शन में भाग लिया। दूरदर्शन द्वारा भारतांजलि नामक प्रसिद्ध भरतनाट्यम की श्रृंखला के 13 एपीसोड भी प्रसारित किए गए हैं। वर्तमान में ये फिलैडेल्फिया के समीप अपने परिवार के साथ रहती हैं और स्थानीय संस्थाओं में अपनी प्रतिभा का न केवल प्रदर्शन करती हैं, बल्कि इसके विषय में जानकारी भी प्रदान करती हैं।

उल्लेखनीय है कि नृतिका के इस प्रयास से भारतीय मूल के लोगों के साथ-साथ स्थानीय लोगों में भी इस प्राचीन कला और धरोहर के प्रति जागरूकता और जिज्ञासा बढ़ रही है।