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Written By WD Feature Desk
Last Modified: बुधवार, 18 जून 2025 (18:18 IST)

थायराइड के लिए सबसे असरदार हैं ये 3 योगासन, जानिए कैसे करें

Yoga for Thyroid in Hindi
yoga asana for thyroid: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में थायराइड एक आम समस्या बनती जा रही है। यह बीमारी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज़्यादा देखी जाती है, लेकिन अब युवाओं में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। थायराइड ग्लैंड गर्दन में स्थित एक महत्वपूर्ण एंडोक्राइन ग्रंथि है जो हमारे शरीर की मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल, मूड और हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करती है। लेकिन जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं – जैसे वजन का बढ़ना या घटना, थकान, मूड स्विंग्स, अनियमित पीरियड्स, बाल झड़ना, और यहां तक कि डिप्रेशन भी।
 
हालांकि थायराइड को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टरी इलाज जरूरी होता है, लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव और नियमित योगाभ्यास भी इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। कुछ खास योगासन ऐसे हैं जो थायराइड ग्रंथि को एक्टिवेट करते हैं, गर्दन की मांसपेशियों को स्ट्रेच करते हैं और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं। इनसे हार्मोनल बैलेंस सुधरता है और थायराइड का फंक्शन धीरे-धीरे सामान्य हो सकता है।
 
अगर आप भी थायराइड की समस्या से जूझ रहे हैं या इससे बचाव करना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए तीन योगासन आपके लिए बेहद असरदार हो सकते हैं:
 
1. सर्वांगासन (Sarvangasana) 
सर्वांगासन को "शरीर का राजा आसन" भी कहा जाता है, क्योंकि यह शरीर के लगभग हर हिस्से पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह खासतौर पर थायराइड ग्रंथि को स्टिम्युलेट करता है क्योंकि इस आसन में पूरी बॉडी का भार कंधों पर रहता है और गर्दन झुकी हुई होती है, जिससे ब्लड फ्लो सीधे थायराइड ग्लैंड तक पहुंचता है।
 
कैसे करें:
  • पीठ के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
  • हाथों से पीठ को सहारा देते हुए पूरी बॉडी को ऊपर की ओर ले जाएं, जिससे शरीर उल्टा "L" शेप में आ जाए।
  • ठोड़ी को छाती से लगाते हुए 30 सेकंड से 1 मिनट तक इस पोज में रहें।
  • धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आएं।
फायदे:
  • थायराइड ग्रंथि को एक्टिव करता है।
  • हार्मोन बैलेंस करता है।
  • ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
2. मत्स्यासन (Matsyasana) 
मत्स्यासन सर्वांगासन के बाद करना बेहद फायदेमंद होता है। यह आसन गर्दन को पीछे की ओर झुकाकर थायराइड क्षेत्र को स्ट्रेच देता है, जिससे उस हिस्से में रक्त प्रवाह बढ़ता है और ग्रंथि की कार्यक्षमता सुधरती है।
 
कैसे करें:
  • पीठ के बल लेट जाएं, पैरों को सीधा रखें।
  • अब हाथों को हिप्स के नीचे रखें और कोहनी से सहारा लेते हुए छाती को ऊपर उठाएं।
  • सिर को पीछे की ओर झुकाएं ताकि सिर का ऊपर वाला हिस्सा ज़मीन को छू सके।
  • इस मुद्रा में 30 सेकंड तक रहें और गहरी सांस लें।
फायदे:
  • थायराइड ग्रंथि को संतुलित करता है।
  • गर्दन और छाती की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है।
  • तनाव और एंग्जायटी को कम करता है।
3. उष्ट्रासन (Ustrasana) 
उष्ट्रासन या कैमल पोज़ एक ऐसा योगासन है जिसमें पूरा गला खुलता है और थायराइड पर सीधा असर पड़ता है। यह आसन गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत करता है और हार्मोन स्राव को नियंत्रित करता है, जिससे थायराइड की कार्यप्रणाली बेहतर होती है।
 
कैसे करें:
  • घुटनों के बल बैठें, जांघें सीधी और पैरों के बीच फासला हो।
  • धीरे-धीरे कमर को पीछे की ओर मोड़ें और दोनों हाथों से एड़ियों को पकड़ें।
  • गर्दन को पूरी तरह पीछे की ओर झुकाएं और छाती को खोलें।
  • 20-30 सेकंड तक इस मुद्रा में रहें और फिर धीरे से सामान्य स्थिति में लौटें।
फायदे:
  • थायराइड को एक्टिव करता है।
  • रीढ़ की हड्डी को लचीलापन देता है।
  • ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ाता है।

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