benefits of listening music: संगीत एक ऐसी दवा की तरह है, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। 21 जून को पूरी दुनिया वर्ल्ड म्यूजिक डे (World Music Day 2025) के रूप में मनाती है। यह दिन केवल संगीत प्रेमियों के लिए नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए खास है जो जिंदगी के हर रंग को महसूस करना चाहता है। संगीत केवल कानों को सुकून देने का माध्यम नहीं है, बल्कि ये दिमाग और दिल को गहराई से छूने वाला एक ऐसा अनुभव है जो शब्दों से परे है। जब जिंदगी की दौड़-भाग, तनाव और अकेलापन हम पर भारी पड़ने लगे, तो संगीत वो सच्चा साथी बनता है जो हमें भीतर से मजबूत बनाता है।
नई जीवनशैली में मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) एक बड़ी चुनौती बन चुका है। चिंता, डिप्रेशन, अनिद्रा, ओवरथिंकिंग जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। ऐसे समय में जब मन को शांत करना मुश्किल हो जाए, तब संगीत एक थेरेपी की तरह काम करता है। आइए वर्ल्ड म्यूजिक डे के मौके पर जानते हैं कि संगीत किस तरह से मेंटल हेल्थ को सुधारने में मदद करता है, और ये कैसे आपकी ज़िंदगी में पॉजिटिव बदलाव ला सकता है।
1. तनाव कम करता है संगीत का जादू
जब हम किसी म्यूजिक ट्रैक को सुनते हैं जो हमारे मूड के अनुसार होता है, तो मस्तिष्क में डोपामिन (dopamine) जैसे हैप्पी हार्मोन का स्राव होता है। ये हार्मोन तनाव को कम करने में सहायक होता है। क्लासिकल म्यूजिक, धीमा इंस्ट्रूमेंटल या प्रकृति से जुड़ी धुनें मानसिक शांति देती हैं और नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करती हैं।
2. डिप्रेशन के लक्षणों को कम करता है संगीत
डिप्रेशन से जूझ रहे लोग अक्सर खुद को अकेला, बेकार और थका हुआ महसूस करते हैं। ऐसे में संगीत एक सहारा बनकर भावनाओं को अभिव्यक्त करने का माध्यम बनता है। खासकर जब आप अपने मन की स्थिति को किसी गाने में महसूस करते हैं, तो एक भावनात्मक कनेक्शन बनता है जो डिप्रेशन से उबरने में मदद करता है।
3. नींद को बेहतर करता है सही संगीत
अनिद्रा यानी नींद न आना आज के समय में एक आम समस्या है, लेकिन हल भी हमारे आसपास ही है। वैज्ञानिक शोधों में यह साबित हो चुका है कि हर रात सोने से पहले 20-30 मिनट का सॉफ्ट क्लासिकल या स्लो म्यूजिक सुनने से नींद की गुणवत्ता सुधरती है। यह मानसिक हलचल को शांत कर शरीर को नींद के लिए तैयार करता है।
4. एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने में करता है मदद
अगर आप स्टूडेंट हैं या कोई ऐसा काम करते हैं जिसमें गहरी एकाग्रता की ज़रूरत होती है, तो बैकग्राउंड म्यूजिक आपका बेस्ट पार्टनर बन सकता है। लो-वॉल्यूम पर चलने वाला इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक या बायन्यूरल बीट्स दिमाग को व्यवस्थित रखने में मदद करते हैं और फोकस को बेहतर बनाते हैं।
5. भावनाओं को समझने और नियंत्रित करने में सहायक
हमारे अंदर कई बार ऐसी भावनाएं होती हैं जिन्हें हम शब्दों में नहीं कह पाते जैसे उदासी, गुस्सा, डर या अकेलापन। संगीत इन भावनाओं को पहचानने और उनसे निपटने में सहायता करता है। जब आप कोई ऐसा गीत सुनते हैं जो आपके मन की बात कहता है, तो आप खुद को समझने लगते हैं और आत्म-संवाद की शुरुआत होती है।
6. समाजिक जुड़ाव और अकेलेपन से राहत
आज के डिजिटल युग में भले ही हम सोशल मीडिया से जुड़े हैं, लेकिन भीतर से अकेलापन महसूस करते हैं। संगीत लोगों को जोड़ने का माध्यम बनता है – चाहे वह कोई म्यूजिक ग्रुप हो, लाइव कॉन्सर्ट या ऑनलाइन प्लेलिस्ट शेयर करना। म्यूजिक आपको समाज से जोड़ता है और एक belongingness की भावना देता है।
7. क्रिएटिविटी और आत्मविश्वास बढ़ाता है संगीत
गाना गाना, वाद्ययंत्र बजाना या नई धुनें बनाना, ये सभी गतिविधियां आपके भीतर की रचनात्मकता को बाहर लाती हैं। ये न केवल मन को शांति देती हैं बल्कि आत्म-संतोष और आत्मविश्वास भी बढ़ाती हैं। खासकर युवाओं और बच्चों में यह म्यूजिक थेरेपी सेल्फ-एक्सप्रेशन को बढ़ावा देती है।
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