सत्यमेव जयते : 'नन्ही' के लिए एक बड़ी पहल
- स्मृति जोशी
'
सत्यमेव जयते' के जरिए आमिर की दमदार प्रस्तुति ने समाज में सन्नाटे की रेखा खींच दी है। बरसों से चली आ रही 'बालिकाओं की खामोश हत्या' और 'नन्ही चीखों' से बेखबर समाज के मुंह पर जैसे किसी ने जोरदार तमाचा जड़ दिया हो। समाज का विकृत सच देख कर आने वाली पीढ़ी के मस्त-बिंदास नौजवानों के मुंह खुले के खुले रह गए। कल तक स्त्री-पुरुष भेदभाव को मात्र 'फेमेनिज्म' मान लेने वाले युवा उसी विषय पर आमिर की विशेष तैयारी और गहन रिसर्च को देखकर हतप्रभ रह गए। आमिर की आंखों के आंसू उनकी आंखों से भी ढूलक पड़े।जाने-अनजाने आमिर खान ने सारे देश के मीडिया को बता दिया कि यह समाज सनी लियोन, कैटरीना, निर्मल बाबा और पूनम पांडे के अलावा भी बहुत कुछ देखना-सुनना और जानना चाहता है, चाहता रहेगा। सच का आईना देखकर आधुनिक समाज मुंह नहीं छुपाता अब, बल्कि अपने चेहरे की हर कालिख को खुली आंखों से पोंछ देना चाहता है। नन्ही बेटियां किस बेरहमी से कोख में कत्ल की जा रही है और समाज की मानसिकता में 'एक कदम आगे दो कदम पीछे' का बदलाव कितनी गहरी चिंता का विषय है, सत्यमेव जयते ने यह सिद्ध कर दिया है। आंकड़ों के पीछे का रूदन 'कोख' से उठकर ढीले सरकारी प्रयासों तक 'नक्कारखाने में तूती की आवाज' मात्र रह जाता है।
बात मात्र एक नन्ही-सी जान की नहीं बल्कि एक पूरी की पूरी नारी अस्मिता की है। बात मात्र किसी गांव के सैकड़ों लोगों के कुंवारे रह जाने की नहीं है बल्कि उन सैकड़ों के लिए आने वाली 'हजारों की जिंदगियां' कुचल देने की है। मानवीयता का यह कैसा शर्मनाक पहलू है कि हम 'अपनी ही कोख' को 'अपने ही हाथों' मसल देने से बाज नहीं आ रहे हैं? आखिर फूल-सी कोमल बच्चियां किस अबोध-अनदेखे अपराध की सजा पा रही है? वह स्त्री लिंग है, इस बात के लिए ना वह स्वयं जिम्मेदार है ना उसकी जन्मदात्री, फिर भी सजा पा रही है वही स्त्री और उसकी कोख का वही स्त्री लिंग? सत्यमेव जयते की 'नन्ही' के लिए यह 'बड़ी' पहल सराहनीय तो है ही अनुकरणीय कहीं अधिक है। हर मोहल्ले के दस घर भी अगर बेटियों को उसके हिस्से का कोमल परिवेश देने लगे और दस घरों के दस दिल भी अगर नाजुक कलियों के लिए धड़कने लगे तो यह कदम समाज को बदलने की दिशा में सही मायनों में कारगर होगा। अगर आपके घर में भी एक नन्हा सा हाथ कोख से बाहर आने से पहले थामने की मार्मिक गुहार लगाए तो उसकी मीठी नन्ही आवाज नजरअंदाज ना करें, उसे इस दुनिया में लाकर एक खूबसूरत आगाज करें, सत्यमेव जयते का पवित्र मंत्र सार्थक करें।