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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 10 दिसंबर 2013 (14:34 IST)

ज्योति बसु की बराबरी करने जा रहे हैं ललथनहवला

ज्योति बसु की बराबरी करने जा रहे हैं ललथनहवला -
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नई दिल्ली। देश के चुनावी इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है जब ललथनहवला पांचवीं बार मिजोरम का मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं और वह माकपा के दिग्गज नेता रहे दिवंगत ज्योति बसु की बराबरी करेंगे जो लगातार पांच बार पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे थे। ललथनहवला इस सूची में मोहन लाल सुखाड़िया को पीछे छोड़ने जा रहे हैं जो चार बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे थे।

अब तक 13 नेता ऐसे हुए हैं जिन्हें लगातार तीन या उससे अधिक बार किसी राज्य का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला और इस सूची में अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह का नाम जुड़ने जा रहा है, जो लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। मिजोरम में पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे ललथनहवला ने सेरछिप और ह्रांगतुजरे सीटों पर जीत दर्ज की है। वह 1978 के बाद से रिकॉर्ड नौवीं बार विधानसभा के लिए चुने गए।

25 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दो तिहाई बहुमत मिला। पार्टी ने 2008 में जीती गई सीटों की संख्या में एक का इजाफा कर 39 सीटों में से 33 जीत लीं। विपक्षी एनएमएफ को पांच सीटें जबकि एमपीसी को एक सीट मिली है।

इस सूची में शीर्ष पर माकपा के नेता दिवंगत ज्योति बसु का नाम आता है जो लगातार पांच बार पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने। बसु ने साल 1977 से 2000 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद को सुशोभित किया। इनके कार्यकाल में ही पश्चिम बंगाल में भूमि सुधार और पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत बनाने का कार्य किया गया।

मोहन लाल सुखाड़िया चार बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। सुखाड़िया 1954 से 1971 तक तक इस पद पर रहे। अरुणाचल प्रदेश के गेगांग अपांग चार बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उनका कार्यकाल 1980 से 1999 तक रहा।

अब तक तीन या इससे अधिक बार मुख्यमंत्री बनने वालों में आठ कांग्रेस, 2 माकपा तथा एक, एक बीजद, भाजपा और अन्नाद्रमुक से हैं। इस सूची में शिवराजसिंह चौहान और रमणसिंह का नाम जुड़ने के बाद लगातार तीन बार ऐसा कीर्तिमान बनाने वाले भाजपा मुख्यमंत्रियों की संख्या तीन हो जाएगी।

इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के नाम यह रिकॉर्ड है। मोदी साल 2002 से अब तक इस पद पर बने हुए हैं। बीसी राय 1948 से 1962 के बीच तीन बार पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे जबकि के कामराज तीन बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे। उनका कार्यकाल 1963 से 1975 रहा।

वसंतराव नाइक तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने और उनका कार्यकाल 1963 से 1975 के बीच रहा। एमजी रामचंद्रन 1977 से 1987 के बीच तीन बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने और देश में लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बनने वाले नेताओं की सूची में अपना नाम दर्ज कराया।

मणिपुर में ओकराम इबोबी सिंह लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बने और वे 2000 से अब तक इस पद पर बने हुए हैं। असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई का नाम भी लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बनने वालों की सूची में शामिल है और वह 2001 से अब तक इस पद पर हैं।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार भी लगातार तीन बार ऐसा कारनामा करने वाले नेताओं में शामिल हैं और वे 1998 से अब तक इस पद पर बने हुए हैं। नवीन पटनायक भी लगातार तीन बार ओडिशा के मुख्यमंत्री बने और वह साल 2000 से अब तक इस पद पर बने हुए हैं।

इस सूची में शीला दीक्षित का नाम भी शामिल है और वह 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। (भाषा)