Highlights
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माता महागौरी कौन हैं।
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कैसा है मां महागौरी का स्वरूप।
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नवरात्रि के आठवें दिन क्या प्रसाद चढ़ाएं।
Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी माता की शक्ति की पूजा-आराधना की जाती है। नाम के अनुसार ही माता का रूप गौर वर्ण होने के कारण इनकी उपमा चंद्र, शंख और कुंद फूल से दी गई है। इनकी आयु 8 साल की तथा सभी आभूषण और वस्त्र सफेद हैं। इसीलिए माता को श्वेताम्बरधरा भी कहा गया है।
नवरात्रि की अष्टमी तिथि क्यों है खास : शिव जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए देवी महागौरी ने कठोर तपस्या की थी, इसी वजह से इनका शरीर काला पड़ गया लेकिन भगवान शिव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माता के शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोकर कांतिमय बना दिया, जिस कारण माता का रूप गौर वर्ण का हो गया। अत: ये महागौरी कहलाईं जाती हैं।
मान्यतानुसार नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर महागौरी की आराधना करने से असंभव कार्य भी संभव होते हैं तथा समस्त पापों का नाश होकर मनुष्य को सुख-सौभाग्य मिलता है तथा सभी कामनाएं पूर्ण होती है। अत: नवरात्रि की अष्टमी तिथि बहुत खास मानी गई है।
इस मंत्र से करें महागौरी माता की आराधना : - ॐ ऐं ह्रीं क्लीं देवी महागौर्यै नमः॥
- श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोदया॥
- महागौरी स्तोत्र : सर्वसंकट हंत्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥
सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदीयनीम्।
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥
त्रैलोक्यमंगल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।
वददं चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
नवरात्रि के 8वें की दिन देवी महागौरी को क्या चढ़ाएं भोग- शारदीय नवरात्रि में दुर्गा पूजा के दिनों में आठवें दिन पूजन के समय देवी महागौरी को नारियल या श्रीफल भोग लगाया जाता है। तथा इसे स्वयं ग्रहण न करते हुए यह नारियल ब्राह्मण को दान देना चाहिए। या नारियल से बनी चीजों का भोग लगाना भी बेहद शुभ माना गया है।
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