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कब कर सकते हैं घटस्थापना, यहां जानिए नवरात्रि के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त, खास बातों का रखें ध्‍यान

कब कर सकते हैं घटस्थापना, यहां जानिए नवरात्रि के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त, खास बातों का रखें ध्‍यान - Navratri 2018 Shubh Muhurat kab karen Ghat sthapna
नवरात्र घटस्थापना शुभ मुहूर्त
 
10 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ होने जा रही है। नवरात्र के यह नौ दिन मां दुर्गा की पूजा-उपासना के दिन होते हैं। अनेक श्रद्धालु इन नौ दिनों में अपने घरों में घट-स्थापना कर अखण्ड ज्योति की स्थापना कर नौ दिनों का उपवास रखते हैं। आइए जानते हैं कि नवरात्र में घट-स्थापना एवं अखण्ड ज्योति प्रज्जवलन का शुभ मुहूर्त कब है-
 
दिवस मुहूर्त
 
- प्रात: 6:00 से 9:00 बजे तक, 
- प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक 
- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
 
सायंकालीन मुहूर्त-
 
- सायं 7:30 से 10:30 बजे तक
 
 
कैसे करें नवरात्र में कलश स्थापना
 
शारदीय नवरात्र कलश स्‍थापना की पौराणिक और शास्त्रीय विधि- 
 
ऐसे करें कलश स्थापना
 
पूजा स्‍थल पर मिट्टी की वेदी बनाकर उसमें जौ, गेहूं बोएं। फिर उनके ऊपर कलश (अपनी सामर्थानुसार मिट्टी, तांबे या सोने) को रखें। इसके ऊपर मां दुर्गा की मूर्ति को प्रतिष्ठित करें। मूर्ति यदि कच्ची मिट्टी या कागज की हो तो इस बात का ध्‍यान रखें कि उसमें कोई विकृति न आए। इसके लिए चाहें तो उसके ऊपर शीशा लगा दें। या कलश पर स्वास्तिक का चिह्न बनाकर दुर्गाजी का चित्र ओर शालीग्राम को विराजित कर भगवान विष्णु का पूजन करें।
 
दुर्गासप्‍तशती का करें पाठ
 
नवरात्र व्रत के आरंभ में स्वास्तिक वाचन-शांतिपाठ करके संकल्प लें और प्रथम पूज्‍य भगवान श्रीगणेश की पूजा कर मातृका, लोकपाल, नवग्रह व वरुण का विधि अनुसार पूजन करें। उत्‍तर या पूर्व दिशा में मुंह करके पूजा करें। इसके बाद मुख्य मूर्ति का षोडशोपचार पूजन करें। दुर्गा देवी की आराधना-अनुष्ठान में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का पूजन तथा मार्कण्डेयपुराणान्तर्गत निहित श्रीदुर्गासप्तशती का पाठ नौ दिनों तक करें।
 
इन बातों का रखें ध्‍यान
 
इस दौरान यदि हो सके तो अखंड दीप जलाएं। यदि घी का दीपक लगा सकते हैं, तो ध्‍यान रखें कि उसे माता की मूर्ति के दाईं ओर रखें। यदि दीपक तेल का जला रहे हैं, तो ध्‍यान रखें कि उसे मूर्ति के बाईं ओर रखें। यह ज्‍योति घी डालते वक्‍त, बत्‍ती ठीक करते वक्‍त बुझे नहीं इसके लिए छोटे दीपक का इस्‍तेमाल करें। पहले छोटे दीपक को जला लें। यदि अखंड ज्‍योति बुझ जाए तो, दीपक से अखंड ज्‍योति फिर से जलाई जा सकती है। बाद में छोटे दीपक की बाती को घी में डुबोकर बुझा दें।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमंत रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र
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