क्या हैं नवरात्रि में उपवास के 9 नियम  
					
					
                                       
                  
				  				
								 
				  
                  				  26 सितंबर 2022 सोमवार नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। इस बार मातारानी हाथी पर विराजमान होकर आ रही है। नवरात्रि के 9 दिनों में कई लोग उपवास रखते हैं, लेकिन वे उपवास के नियम नहीं जानते हैं। नवरात्रि के दौरान रसोपवास, फलोपवास, दुग्धोपवास, लघु उपवास, अधोपवास और पूर्णोपवास किया जाता है। नवरात्रि में यदि आप उपवास रखने जा रहे हैं तो जान लें नियम, वर्ना नहीं मिलेगा उपवास का फल।
				  																	
									  
	 
	1. अधोपवास- इन नौ दिनों में अधोपवास अर्थात एक समय भोजन किया जाता है जिसमें बगैर लहसुन व प्याज का साधारण भोजन किया जाता है। वह भी सूर्योस्त से पूर्व। बाकी समय सिर्फ जल ग्रहण किया जाता है।
				  
	 
	2. पूर्णोपवास- बिलकुल साफ-सुथरे ताजे पानी के अलावा किसी और चीज को बिलकुल न खाना पूर्णोपवास कहलाता है। इस उपवास में उपवास से संबंधित बहुत सारे नियमों का पालन करना होता है। इस कठिन उपवास को करने वाले नौ दिन कहीं भी बाहर नहीं जाते हैं।
				  						
						
																							
									  
	 
	3. फलोपवास- कई लोग एक समय फलाहार लेते हैं और एक समय भोजन करते हैं, जबकि फलोपवास में दोनों ही समय सिर्फ फल ही खाते हैं। इसी तरह रसोपवास और दुग्धोपवास के नियम हैं।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	 
	4. लघु उपवास- 3 से लेकर 7 दिनों तक के पूर्णोपवास को लघु उपवास कहते हैं।
	 
	5. एक टाइम खिचड़ी खाकर नहीं होता उपवास : बहुत से लोग अधोपवास में एक समय भोजन और एक समय साबूदाने की खिचड़ी खा लेते हैं। यह सही नहीं है।  उपवास वास का अर्थ होता है एक समय या दोनों समय भूखे रहना।
				  
				  
	6. दो टाइम खिचड़ी खाकर भी नहीं होता उपवास : कुछ लोग दोनों ही समय भरपेट साबूदाने की खिचड़ी या राजगिरे के आटे की रोटी और भींडी की सब्जी खा लेते हैं। यह भी उपवास नहीं है। ऐसा करना किसी भी तरह से व्रत और उपवास के अंतर्गत नहीं आता है।
				  																	
									  
	 
	7. रसोपवास- इस उपवास में अन्न तथा फल जैसे ज्यादा भारी पदार्थ नहीं खाए जाते, सिर्फ रसदार फलों के रस अथवा साग-सब्जियों के जूस पर ही रहा जाता है। दूध पीना भी मना होता है, क्योंकि दूध की गणना भी ठोस पदार्थों में की जा सकती है।
				  																	
									  
	 
	8. दुग्धोपवास- दुग्धोपवास को 'दुग्ध कल्प' के नाम से भी जाना जाता है। इस उपवास में सिर्फ कुछ दिनों तक दिन में 4-5 बार सिर्फ दूध ही पीना होता है।
				  																	
									  
	 
	9. कठोर उपवास- जिन लोगों को बहुत भयानक रोग होते हैं यह उपवास उनके लिए बहुत लाभकारी होता है। इस उपवास में पूर्णोपवास के सारे नियमों को सख्ती से निभाना पड़ता है।