गुरुवार, 17 जुलाई 2025
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Written By भाषा

कशमकश का असर रामलला पर भी

अयोध्या
अयोध्या के विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 30 सितम्बर को आने वाले फैसले पर आम जनता के मन में व्याप्त कशमकश का असर ‘राम लला’ पर भी पड़ा है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कल आने वाले फैसले के मद्देनजर की गई सख्त सुरक्षा व्यवस्था के कारण राम नगरी अयोध्या किले की तरह लग रही है और राम लला के मन्दिर पर आम दिनों में श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों की चहल-पहल नदारद सी दिख रही है।

राम लला बिराजमान के ‘अस्थायी मन्दिर’ के प्रधान पुजारी महंत आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से राम लला के दर्शनार्थियों की संख्या में 60 फीसदी से अधिक की गिरावट आ गई है।

उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में राम लला के दर्शन को प्रतिदिन सात से आठ हजार लोग आते हैं और धार्मिक महत्व के दिनों में यह संख्या 15 हजार तक पहुँच जाती है।

उन्होंने बताया कि जब से विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर उच्च न्यायालय के फैसले की तारीख तय हुई है और उसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था एवं अन्य मोर्चो पर सरगर्मिया तेज हुई हैं, यह संख्या 40 प्रतिशत के आस-पास रह गई है।

सूत्रों के अनुसार अगस्त में लगभग 12 लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन को पहुँचे थे जबकि सितम्बर में यह संख्या डेढ़ लाख के आस-पास ही सिमटती लग रही है, और प्रेक्षक इसके पीछे सख्त सुरक्षा व्यवस्था और फैसले के बाद उत्पन्न होने वाली स्थिति को लेकर जनता के मन में उठ रही आशंकाओं को ही कारण मान रहे हैं।

महंत सत्येन्द्र दास ने बताया कि इन दिनों पितृपक्ष चल रहा है और आम वर्षों में इस दौरान अपने पितरों को पिण्डदान करने के लिए सरयू तट पर श्राद्ध के लिए आने वाले लोगों की संख्या अच्छी खासी रहती है, मगर इस बार वह भीडभाड़ दिखाई नहीं पड़ रही है।

आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, 25 सितम्बर को रामलला के दर्शन के लिये दिन भर में कुल 27 सौ श्रद्धालु ही आए और उनमें भी बड़ी संख्या उन सुरक्षा कर्मियों की थी, जो सुरक्षा व्यवस्था चुस्त किए जाने के लिए अतिरिक्त तैनाती के सिलसिले में यहाँ आए हैं।

स्थानीय व्यवसायी आकाश गुप्ता ने बताया कि हमारा व्यवसाय तो बाहर से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के सहारे ही चलता है जो इन दिनों चौपट सा हो गया है।

उन्होंने बताया कि अदालत के फैसले के मद्देनजर की गई सख्त सुरक्षा व्यवस्था और बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती एवं निगरानी से राम नगरी में कर्फ्यू से हालात बन रहे हैं, जिससे माहौल में तनाव स्वाभाविक है।

उल्लेखनीय है कि अदालत के 30 सितम्बर को आने वाले फैसले के मद्देनजर फैजाबाद और अयोध्या में केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की 14 और पीएसी की 22 कंपनियाँ तैनात की गई हैं। राज्य पुलिस एवं अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती अलग है।