उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की वापसी कराने वाली प्रियंका गांधी अब दक्षिण भारत में BJP के लिए बनेंगी चुनौती?
लगभग डेढ़ दशक से राजनीति में सक्रिय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आखिरकार दक्षिण भारत के राज्य केरल के वायनाड से अब अपनी संसदीय पारी का आगाज करने जा रही है। भाई राहुल गांधी के वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद अब बहन प्रियंका गांधी वायनाड सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार होगी। सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस की हाईलेवल बैठक में तय किया गया कि राहुल गांधी वायनाड लोकसभा सीट छोड़ेंगे और प्रियंका गांधी उपचुनाव में कांग्रेस की आधिकारिक प्रत्याशी होंगी। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने इस बार के लोकसभा चुनावों में रायबरेली और वायनाड से चुनाव लड़ा था और दोनों ही सीटों पर बड़े अंतर से जीत हासिल की थी।
उत्तर प्रदेश से दक्षिण भारत का रूख- 2022 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव लड़की हूं...लड़ सकती हूं का नारे देने वाली प्रियंका गांधी पार्टी की महासचिव होने के साथ कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मेंबर हैं और पिछले कुछ सालों से कांग्रेस के हर बड़े फैसले में उकनी भूमिका रही है। हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनाव प्रचार की कमान संभालने वाली प्रियंका गांधी की छवि एक अक्रामक राजनेता की रही है। वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव में उतकर प्रियंका गांधी अब सक्रिय राजनीति की ओर अपना पहला कदम बढ़ाया है।
करीब डेढ़ दशक से राजनीति में सक्रिय प्रियंका गांधी की अब तक भूमिका कांग्रेस पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार की रही है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और् इंडिया गठबंधन को जो सफलता मिली है उसके पीछे प्रियंका गांधी की प्रमुख भूमिका मानी जा रही है। बतौर उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने पिछले 5-7 सालों में पार्टी संगठन को खड़ा करने की जो कोशिश की उसका फायदा इस बार लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिला।
लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में मोदी-योगी की जोड़ी पर भारी पड़ने वाली राहुल गांधी और अखिलेश यादव की जोड़ी को पहली बार प्रियंका गांधी ही 2017 में एक मंच पर लेकर आई थी। 2017 का उत्तरप्रदेश का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन में लड़ा था और अखिलेश और राहुल को दो लड़कों की जोड़ी का नाम दिया गया था।
प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के संगठन को फिर से खड़ा करने की सड़क पर लंबी लड़ाई लड़ी। प्रियंका गांधी ने अमेठी और रायबरेली के साथ पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में पार्टी संगठन को मजबूत करने पर खासा फोकस किया। इसके लिए प्रियंका गांधी ने गंगा यात्रा करने के साथ-साथ सड़क पर भी खूब लड़ाई लड़ी। साल 2021 में लखीमपुर कांड के पीड़ितों से मिलने जाने दौरान सीतापुर में प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस दौरान प्रियंका गांधी दो दिन तक पुलिस हिरासत में रही। वहीं आगरा में पुलिस हिरासत में एक दलित व्यक्ति की मौत के बाद जब प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से मिलने जा रही थी तो उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
वायनाड लोकसभा सीट कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी घोषित होने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा है कि रायबरेली से तो मेरा पुराना रिश्ता है. 20 साल से मैंने रायबरेली और अमेठी के लिए काम किया है। वहीं वायनाड का प्रतिनिधित्व करके मुझे बेहद खुशी होगी, मैं वायनाड के लोगों को राहुल गांधी की कमी महसूस नहीं होने दूंगी।