कोरोना की चौथी लहर की चपेट में क्या आएगा भारत, साइंटिस्ट से जानिए आपके हर सवाल का जवाब?
देश में कोरोना एक बार फिर रफ्तार पकड़ने लगा है। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5 हजार के पार पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 5 हजार 364 है। वहीं बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमित साल की मौत भी हो गई है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद अब केंद्र के साथ राज्य सरकार सतर्क हो गई है।
देश में कोरोना के बढ़ते केस के बाद क्या भारत में कोरोना की चौथी लहर आ सकती है और क्या आने वाले समय संक्रमण और बढ़ेगाा इसको लेकर 'वेबदुनिया' ने बनारस हिंदू यूनिर्विसटी के सीनियर वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे से खास बातचीत की।
नया कोरोना वायरस कितना खतरनाक है?- वेबदुनिया से बातचीत में प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे कहते है कि यह कोई नया वेरिएंट नहीं बल्कि ओमिक्रोन का ही सब वेरिएंट JN.1 है, जो पहली बार जनवरी 2024 में सामने आया था। भारत में कोरोना संक्रमण के 53 फीसदी मामले JN.1 के है। वहीं अगर बात करें अभी तक इस वेरिएंट का सबसे अधिक असर सिंगापुर में देखने को मिल रहा है जहां पर सबसे अधिक संक्रमितों की संख्या है।
ओमिक्रोन जिस तरीके से सिर्फ बॉडी के अपर रेस्पिरेट्री सिस्टम को ही प्रभावित करता है, उसी प्रकार से JN.1 वेरिएंट भी सिर्फ शरीर के अपर रेस्पिरेट्री सिस्टम को ही प्रभावित कर रहा है, जिस वजह से यह कम घातक है। इसमें संक्रमित व्यक्ति एक सप्ताह में ठीक हो जाता है। वहीं अगर बात करें तो JN.1 वेरिएंट में कोरोना के पहले वेरिएंट से अब तक 150 से अधिक म्यूटेशन हो चुके है और वायरस अपना नेचर बहुत बदल चुका है।
संक्रमण फैलने की संभावना कितनी?- वहीं जहां तक JN.1 वेरिएंट के इंफेक्शन दर की बात है तो इसका इंफेक्शन रेट कोरोना के मूल वेरिएंट के मुकाबले 150 फीसदी से ज्यादा है, यानि नए वेरिएंट से संक्रमित मरीज एक बार में 5 से 7 लोगों को संक्रमित कर सकता है। वहीं जहां तक वेरिएंट के खतरे की बात है तो इस वेरिएंट से संक्रमितों के गंभीर रूप से बीमार होने की संभावना कम है।
अगर भारत की बात करें तो वर्तमान में 5 हजार एक्टिव केस है और 4 हजार लोग ठीक हो चुके होंगे। अभी भारत में जो कोरोना के केस आ रहे है वह लोकल स्तर पर है यानि उन इलाकों तक ही है। महाराष्ट्र और केरल जिसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्य और जीन के काऱण वहां पर नंबर अधिक संख्या में आ रहे है। ऐसे में यहां पर लोगों में एंटीबॉडी डेवलप होने के बाद लोगों के संक्रमण की संख्या कम हो जाएगी। ऐसे में एक सप्ताह में वह स्थिति आ जाएगी कि जितने लोग संक्रमित होंगे उतने ठीक हो चुके होंगे। ऐसे में भारत में कोरोना की कोई बड़ी चौथी लहर आने की संभावना नहीं है।
नए वेरिएंट पर वैक्सीन कितना असरदार?- कोरोना के JN.1 वेरिएंट पर वैक्सीन कितना असरदार है इसको लेकर प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं कि जिन लोगों ने कोरोना की वैक्सीन लगवाई है, उनको भी संक्रमण की पूरी संभावना है, इसका कारण है कि वैक्सीन के कारण जो एंटीबॉडी बनी थी वह समय के साथ घटती जाती है, ऐसे में संक्रमण की संभावना हो जाती है। इस वजह से यह कहा जा सकता है कि. वैक्सीन लगवाने के बावजूद भी उन्हें कोविड हो सकता है।
कोरोना अब नार्मल वायरल हो चुका है और यह अब सीवर नहीं है। कोरोना वायरल का नेचर बहुत अलग है। हलांकि भारत में जो वैक्सीन बनी थी वह कोरोना के मूल वायरस के लिए थी तब से अब तक वायरस में 150 से अधिक म्यूटेशन हो चुके है। ऐसे में अगर ओमिक्रॉन वायरस के लिए अगर कोई वैक्सीन बनी होती तो वह कारगर होती। चूंकि JN.1 वेरिएंट घातक कम है इस वजह से मरीजों को कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन यह ज्यादा लोगों को संक्रमित जरूर कर सकता है।