शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Who will stop Narendra Modi from scoring hat-trick in 2024?
Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 12 मार्च 2022 (16:13 IST)

2024 में नरेंद्र मोदी को हैट्रिक लगाने से कौन रोकेगा?

2024 में नरेंद्र मोदी को हैट्रिक लगाने से कौन रोकेगा? - Who will stop Narendra Modi from scoring hat-trick in 2024?
2024 के लोकसभा चुनाव में भले ही अभी दो साल से अधिक का समय हो लेकिन 2022 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत ने वर्ष 2024 के आम चुनावों का शंखनाद कर दिया है। चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनावों का बिगुल फूंक दिया है।

पीएम मोदी ने किया शंखनाद- भाजपा मुख्यालय में जीत के जश्न के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ पॉलिटिकल ज्ञानियों ने कहा था कि 2019 की जीत 2017 में ही तय हो गयी थी। उन्होंने कहा कि मैं ये भी जानता हूं ये ज्ञानी एक बार फिर कहेंगे 2022 के नतीजों ने 2024 के नतीजों को तय कर दिया है। ये नतीजे अब 2024 से जोड़े जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान ने 2022 में ही 2024 की सियासी लड़ाई का शंखनाद कर दिया है। दरअसल चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में मोदी मैजिक फैक्टर को काफी अहम माना जाता है। खास बात ये भी है कि यूपी विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर वाली सीटों की कमान खुद प्रधानमंत्री ने संभाली। यहां वो हिंदुत्व का संदेश देने में कामयाब भी हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले चरण का प्रचार शुरु करने से 20 दिनों के अंदर 19 रैलियां करके 192 सीटों के लोगों तक अपनी बात पहुंचाई। मजबूत रणनीति के तहत पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक में हुईं प्रधानमंत्री की इन रैलियों ने भाजपा को 134 सीटों पर जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। 

मोदी को केजरीवाल का चुनौती-वहीं दूसरी ओर 2024 को लेकर विपक्षी दलों की खेमाबंदी भी अब तेज हो गई है। 2024 में नरेंद्र मोदी के चेहरे और भाजपा को चुनौती देने के लिए अब क्षेत्रीय पार्टियों ने हुंकार भरना शुरु कर दिया है। विधानसभा चुनाव में पंजाब में मिली ऐतिहासिक जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी अपनी सफलता को राष्ट्रीय स्तर पर भुनाने की तैयारी में जुट गई है। पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की प्रचंड जीत के बाद पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में खुद ही केंद्र की राजनीति में आने के संकेत दे दिए हैं। उन्होंने अपने संबोधन में देश भर के लोगों से आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने की अपील की। पार्टी जल्द ही गुजरात और उत्तर प्रदेश में तिरंगा यात्रा निकालने के साथ ही सदस्यता अभियान शुरु करेगी।

ममता का मिशन दिल्ली-वहीं 2021 में बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद राष्ट्रीय स्तर पर 2024 में नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने की मुहिम में लगी ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद विपक्षी एकता की अपील करते हुए कांग्रेस के लिए बड़ा सख्त संदेश दिया है। ममता ने कहा कि कि यह कांग्रेस को तय करना है कि वो हमारे साथ आना चाहती है या नहीं। कांग्रेस की प्रतीक्षा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। 

कांग्रेस बन पाएगी भाजपा का विकल्प?-चुनाव दर चुनाव लगातार हार का सामना करने वाली देश की सबसे पुरानी पार्टी क्या कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी के चेहरे को चुनौती दे पाएगी अब यह सवाल भी बड़ा हो गया है? लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के विकल्प बनने के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि कांग्रेस को अपनी राजनीति का पैटर्न बदलकर अब विकल्प की राजनीति करनी ही पड़ेगी, जिससे वह 2024 के लोकसभा चुनाव में एक विकल्प बन सके। 
 
दरअसल 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के राष्ट्रीय फलक पर उदय के साथ कांग्रेस का पराभव शुरु हो गया है। लगातार हार से जूझती कांग्रेस के अंदर से ही लगातार विरोध के सुर उठने लगे है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद एक बार फिर कांग्रेस में घमासान शुरु हो गया है। पार्टी में लंबे समय से अंसतुष्ट चल रहे जी-23 गुट के नेता एक बार फिर अपना दमखम दिखाने की तैयारी में हैं। नतीजे आने के बाद कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा जैसे नेता गुलाम नबी आजाद के घर जुटे। गुलाम नबी आजाद ने इस हार को दिल तोड़ने वाली पराजय बताया।
 
चुनाव दर चुनाव कांग्रेस लगातार हार के लिए वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी खुद कांग्रेस को ही इसके लिए जिम्मेदार मानते है। लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस का एक अदद अध्यक्ष नहीं चुन पाना यहा दिखाता है कि कही न कही कुछ गड़बड़ है। अंतरिम अध्यक्ष से काम चलाने वाली कांग्रेस पर कांग्रेस के नेताओं के साथ अब जनता का विश्वास भी खत्म हो गया है। रामदत्त त्रिपाठी आगे कहते है कि पिछले लंबे समय से कांग्रेस के अंदर के ही नेता परिवर्तन की मांग उठा रहे है और कांगेस को फिर से खड़ा होने के लिए अब अमूलचूल परिवर्तन करना पड़ेगा। 
 
वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि यह सहीं है कि अगर विपक्ष को मोदी के चेहरे को चुनौती देनी है तो शक्तिशाली क्षेत्रीय पार्टियों और उनके नेताओं को एक मंच पर आना ही होगा और यह जिम्मेदारी कांग्रेस को निभानी होगी।    
 
ये भी पढ़ें
जबलपुर में रनवे से उतरा एयर इंडिया का विमान, बाल-बाल बचे 55 यात्री