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  4. Who will become Presidential? Venkaiah Naidu, Draupadi Murmu or anyone else...
Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Modified: मंगलवार, 21 जून 2022 (19:27 IST)

कौन बनेगा महामहिम? वेंकैया नायडू, द्रौपदी मुर्मू या फिर कोई और...

कौन बनेगा महामहिम? वेंकैया नायडू, द्रौपदी मुर्मू या फिर कोई और... - Who will become Presidential? Venkaiah Naidu, Draupadi Murmu or anyone else...
भारत में राष्ट्रपति पद के चुनाव का एलान हो चुका है। 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे। इस बीच, विपक्ष ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। सत्ता पक्ष एनडीए अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है। हालांकि इस शीर्ष पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं। इनमें प्रमुख रूप से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, थावरचंद गहलोत, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सौंदराजन और कुछ अन्य नाम भी चर्चा में हैं। 
 
इस दौड़ में सबसे आगे नाम वर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का बताया जा रहा है। उनके पक्ष में सबसे बड़ी बात यह है कि उपराष्ट्रपति के रूप में उनका पांच साल का अनुभव उन्हें इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार बनाता है। साथ ही वे दक्षिण से आते हैं। यदि उन्हें राष्ट्रपति बनाया जाता है तो भाजपा को दक्षिण में फायदा मिल सकता है। नायडू भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में मंत्री भी रह चुके हैं। 
 
दूसरे क्रम पर सबसे मजबूत दावेदार झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू हैं। ओड़िशा की रहने वाली मुर्मू यदि राष्ट्रपति बनती हैं तो इस पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी होंगी। इससे सत्तारूढ़ भाजपा आदिवासी समाज को संदेश दे सकती है, जिसका फायदा पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनाव में मिल सकता है।

द्रौपदी के पक्ष में एक बात और है। चूंकि वे ओड़िशा से आती हैं, ऐसे में उन्हें बीजू जनता दल का भी समर्थन मिल सकता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि जब प्रतिभा पाटिल को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया था, तब महाराष्ट्र का होने के नाते शिवसेना ने पाटिल का समर्थन किया था। हालांकि उस समय शिवसेना का भाजपा के साथ गठबंधन था। 
 
राष्ट्रपति पद के लिए कर्नाटक के राज्यपाल और पूर्व केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत का भी नाम चल रहा है। दलित समुदाय से आने के कारण उनका दावा कमजोर पड़ जाता है क्योंकि वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अनुसूचित जाति से ही आते हैं। ऐसे में एक ही समुदाय से लगातार दो व्यक्तियों को राष्ट्रपति पद देने के लिए एनडीए शायद ही तैयार हो। 
 
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी इस दौड़ में शामिल हैं, लेकिन भाजपा मुस्लिम चेहरे पर दाव लगाने का रिस्क नहीं लेगी, क्योंकि इससे हिन्दू वोट नाराज हो सकते हैं। हालांकि आरिफ मोहम्मद खान की छवि एक उदार मुस्लिम की है।
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