कौन हैं कुलदीप कुमार, जो हारकर जीते चंडीगढ़ मेयर चुनाव?
who is kuldeep kumar : सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया है। कोर्ट ने चंडीगड़ मेयर चुनाव के नतीजों को रद्द करते हुए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार रहे कुलदीप सिंह को मेयर घोषित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने कोर्ट के सामने झूठ बोला था।
सुप्रीम कोर्ट ने आज खुद उन वोटों की जांच की, जिन्हें रिटर्निंग ऑफिसर ने अवैध घोषित कर दिया था। अब फैसले के बाद चंडीगढ़ के नए मेयर होंगे कुलदीप कुमार। जानते हैं कौन हैं कुलदीप कुमार। बता दें कि कुलदीप कुमार ने चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कुलदीप कुमार आम आदमी पार्टी से पार्षद भी हैं।
कौन हैं कुलदीप कुमार : कुलदीप कुमार चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के नेता हैं और वार्ड नंबर 26 से पार्षद हैं। चंडीगढ़ में पार्टी को मजबूत करने में कुलदीप कुमार की अहम भूमिका मानी जाती है। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ चुनाव में कुलदीप कुमार को मेयर उम्मीदवार घोषित किया था।
कोर्ट का शुक्रिया : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुलदीप कुमार ने कहा है कि मैं, माननीय अदालत का धन्यवाद करता हूं। आज चंडीगढ़ के लोगों की जीत हुई है। ऐसा नहीं है कि बीजेपी को हराया नहीं जा सकता है, बिल्कुल हरा सकते हैं। अगर हम एकजुट होकर लड़ेंगे तो बीजेपी वालों को हर जगह हरा सकते हैं।
कांग्रेस से आए आप में : मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुलदीप कुमार आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले करीब 6-7 साल कांग्रेस पार्टी में रहे। इसके बाद 2021 में उन्होंने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। कुलदीप कुमार की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। कुलदीप कुमार बहुत ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। जब वे चुनाव हार गए तो रोने लगे थे। उनके रोने का वीडियो सोशल मीडिया में सामने आया था।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने : सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली के आरोपों पर अपना फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने कोर्ट के सामने झूठ बोला है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेयर के लिए फिर से चुनाव नहीं होगा। रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से अवैध घोषित किए गए 8 वोटों को कोर्ट ने वैध करार दिया। इन वोटों के वैध करार दिए जाने के बाद चंडीगढ़ मेयर को लेकर पूरा सियासी समीकरण ही बदल गया।
Edited by Navin Rangiyal