कौन हो सकता है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराधिकारी?
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने फिलहाल कोई चुनौती नजर नहीं आ रही है। इस बात की पूरी संभावना है कि वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। हालांकि इस बात को लेकर भी चर्चा है कि मोदी का उत्तराधिकारी कौन हो सकता है? राजनाथ सिंह जैसे कई नेता ऐसे हैं, जो खुद ज्यादा उम्र के चलते इस दौड़ से पूरी तरह बाहर हो चुके हैं, वहीं कई अन्य नेताओं का पार्टी में न तो स्वीकार्यता है और न ही जनाधार।
ऐसे में उम्मीद की सुई दो ही नेताओं पर आकर टिकती हैं और वे हैं- केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। शाह जहां मोदी के सबसे करीबी लोगों में से एक हैं और मंत्रिमंडल में भी दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद उनके पास है। वहीं योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और हिन्दुत्व का बड़ा चेहरा होने के साथ-साथ लोगों के बीच काफी लोकप्रिय भी हैं। उनकी लोकप्रियता न सिर्फ यूपी बल्कि नाथ संप्रदाय की पीठ गोरख मठ के मुखिया होने के नाते पूरे देश में उनके समर्थक हैं।
क्या कहते हैं नरेन्द्र मोदी के भाई : इसी बीच, वेबदुनिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी के इंदौर प्रवास के दौरान जब उनसे पूछा कि नरेन्द्र भाई का उत्तराधिकारी कौन हो सकता है तो उन्होंने सीधे शब्दों में कहा कि यह तो वक्त ही बताएगा कि नरेन्द्र भाई का उत्तराधिकारी कौन होगा। किसी का भी नाम लेने से बचते हुए प्रह्लाद भाई ने कहा कि अभी से इसको लेकर कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है और नरेन्द्र भाई तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा 400 से ज्यादा सीटें जीतेगी।
क्या कहता है वेबदुनिया सर्वे : हालांकि वेबदुनिया के सर्वे में इस मामले में कुछ संकेत जरूर मिलते हैं। दरअसल, वेबदुनिया ने सवाल पूछा था कि 2022 में भारत की सबसे ताकतवर हस्ती कौन है? इसके जवाब में 66 फीसदी से ज्यादा लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में वोट किया, वहीं 14 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल कर योगी आदित्यनाथ दूसरे स्थान पर रहे। हालांकि इन दोनों नेताओं के बीच दूर-दूर तक प्रतिस्पर्धा दिखाई नहीं देती। क्योंकि लोगों ने मोदी के पक्ष में एकतरफा वोटिंग की।
जहां तक अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की तुलना का सवाल है तो यहां योगी बाजी मार गए। योगी जहां करीब 14 फीसदी वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे, वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद दबाव में आए कारोबारी गौतम अडाणी 5 फीसदी से ज्यादा वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। इस सूची में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल चौथे स्थान पर रहे, वहीं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को 3 फीसदी ही वोटों के साथ 5वें स्थान पर रहे।