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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शुक्रवार, 24 मार्च 2023 (15:55 IST)

संसद सदस्यता खत्म होने के बाद अब राहुल गांधी के पास क्या विकल्प, क्या वायनाड में होगा उपचुनाव?

राहुल गांधी क्या फिर बन सकेंगे सांसद, क्या सदस्यता होगी बहाल या वायनाड में होगा उपचुनाव?

संसद सदस्यता खत्म होने के बाद अब राहुल गांधी के पास क्या विकल्प, क्या वायनाड में होगा उपचुनाव? - What option does Rahul Gandhi have now?
मोदी सरनेम को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विवादित बयान और उस पर सूरत कोर्ट से राहुल को 2 साल की सजा सुनाने के बाद  राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म कर दी है। लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता को आयोग्य घोषित कर दिया है।

राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि अब कांग्रेस और राहुल गांधी के पास आगे का क्या विकल्प है। इस पूरे मुद्दे 'वेबदुनिया' ने संविधान विशेषज्ञ और लंबे समय तक लोकसभा के महासचिव रहे सुभाष कश्यप से एक्सक्लूसिव बातचीत की।

फैसले को चुनौती दे सकते है राहुल?- राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के बाद अब उनके समाने क्या विकल्प बचे है, यह सबसे बड़ा सवाल है? ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप कहते हैं कि राहुल गांधी को जिस मानहानि मामले में सूरत कोर्ट से सजा सुनाई गई है उसके खिलाफ राहुल गांधी हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में अपील कर सकते है। इस मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का फैसला  बाध्यकारी होगी।

सुभाष कश्यप आगे कहते है कि राहुल गांधी को पहले हाईकोर्ट में अपील करनी होगी अगर राहुल गांधी को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो उनको सुप्रीम कोर्ट जाना होगा और सुप्रीम कोर्ट जो निर्णय देगा वह मान्य होगा। वहीं इसके साथ लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप साफ करते हैं कि राहुल गांधी सदस्यता खत्म करने के फैसले को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते है।

सुप्रीमकोर्ट का निर्णय क्या स्पीकर के लिए बाध्यकारी?-अगर सुप्रीमकोर्ट से राहुल गांधी को मानहानि केस में राहत मिल जाए तो क्या सुप्रीमकोर्ट का निर्णय लोकसभा स्पीकर के लिए बाध्यकारी होगा, वेबदुनिया के इस सवाल पर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय लोकसभा अध्यक्ष के लिए बाध्यकारी है।

क्या वायनाड में होगा उपचुनाव?–राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे, ऐसे में जब उनकी संसद सदस्यता खत्म हो गई तो सवाल उठता है क्या वायनाड़ में उपचुनाव की प्रक्रिया भी शुरु हो सकती है। इस पर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप कहते हैं कि उपचुनाव की प्रक्रिया शुरु हो सकती है लेकिन इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट जो निर्णय करेगी वह अंतिम होगा।

मोहम्मद फैसल के मामले में फंसा हैं पेंच?-राहुल गांधी से पहले लक्ष्यद्वीप के सांसद पीपी मोहम्मद फैसल को एक मामले में कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी जिसके बाद उनकी सदस्यता खत्म हो गई थी। निचली कोर्ट के फैसले के खिलाफ मोहम्मद फैसल हाईकोर्ट गए और जहां हाईकोर्ट ने निचली कोर्ट की सजा पर रोक लगा दी।

हाईकोर्ट के फैसले के बाद मोहम्मद फैसल अब दोषी नहीं है उनकी सजा पर रोक है लेकिन वह अब भी संसद सदस्य के तौर पर संसद में काम नहीं कर पा रहे है, इसका कारण कोर्ट के निर्णय के बाद अब लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता पर निर्णय नहीं लिया है। दरअसल संसद की सदस्यता पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार सदन के स्पीकर का होता है।

मोहम्मद फैसल के मामले में भी ऐसा ही हुआ और निचली अदालत के आदेश पर फैसला लेते हुए लोकसभा अध्य़क्ष ने उनकी सदस्यता तो रद्द कर दी लेकिन हाईकोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता पर कोई फैसला नहीं लिया। 

राहुल की इंदिरा से तुलना- राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि “नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के सम्मानित नेता राहुल गांधी के खिलाफ षड्यंत्र करने में सारी हदें पार कर दी हैं। जिस तरह से उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द की गई है, उससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार राहुल गांधी से भयभीत है। सरकार उनके उठाए सवालों का जवाब देने के बजाय उन्हें लोकसभा से दूर करने का रास्ता तलाश रही थी। आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुख और पीड़ा का दिन है। लेकिन एक बात अच्छी तरह याद रखनी चाहिए कि ऐसे ही षड्यंत्र स्वर्गीय इंदिरा गांधी के खिलाफ भी किए गए थे, लेकिन उससे इंदिरा मजबूत ही हुई थी, कमजोर नहीं। आज भारत की जनता पहले से कहीं मजबूती के साथ राहुल गांधी के साथ खड़ी है। इंसाफ होकर रहेगा”।