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Last Modified: सोमवार, 18 जुलाई 2022 (21:15 IST)

PM Modi At NIIO: नौसेना संगोष्ठी में बोले पीएम मोदी, भारत को चुनौती देने वालों के खिलाफ तेज करना है युद्ध

PM Modi At NIIO: नौसेना संगोष्ठी में बोले पीएम मोदी, भारत को चुनौती देने वालों के खिलाफ तेज करना है युद्ध - war has to be intensified against those who challenge indias self confidence self reliance pm modi
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के आत्मविश्वास और उसकी आत्मनिर्भरता को चुनौती देने वाली ताकतों के खिलाफ युद्ध तेज करने का आह्वान करते हुए सोमवार को कहा कि ऐसी हर कोशिश को नाकाम करना जरूरी है। उन्होंने एक बार फिर आत्मनिर्भर भारत पर जो दिया और देश के जवानों को हौसला दिया कि उनके पास वो हथियार होंगे जिनके बारे में दुश्मन कभी सोच भी नहीं पाएगा...  
 
राजधानी स्थित आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन (एनआईआईओ) की ओर से आयोजित सेमिनार ‘स्वावलंबन’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जैसे-जैसे भारत वैश्विक मंच पर खुद को स्थापित कर रहा है, वैसे-वैसे दुष्प्रचार के माध्यम से लगातार हमले हो रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि खुद पर भरोसा रखते हुए भारत के हितों को हानि पहुंचाने वाली ताकतें चाहे देश में हों या फिर विदेश में, उनकी हर कोशिश को नाकाम करना है। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए हमें एक और अहम पक्ष पर ध्यान देना चाहिए। हमें भारत के आत्मविश्वास को, हमारी आत्मनिर्भरता को चुनौती देने वाले ताकतों के विरुद्ध युद्ध तेज करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र की रक्षा अब सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि बहुत व्यापक है इसलिए हर नागरिक को इसके लिए जागरूक करना भी उतना ही आवश्यक है।
 
उन्होंने कहा कि जैसे आत्मनिर्भर भारत के लिए ‘होल ऑफ द गवर्नमेंट एप्रोच’ के साथ आगे बढ़ रहे हैं वैसे ही राष्ट्र रक्षा के लिए भी ‘होल ऑफ द नेशन अप्रोच’ समय की मांग है। भारत के कोटि-कोटि जनों की की यही सामूहिक राष्ट्र चेतना ही सुरक्षा और समृद्धि का सशक्त आधार है।’’
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे भी व्यापक हो गए हैं और युद्ध के तौर-तरीके भी बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ भूमि, समुद्र और आकाश तक ही रक्षा की कल्पना की जाती थी लेकिन अब इसका दायरा अंतरिक्ष, साइबर स्पेस और आर्थिक व सामाजिक स्पेस की तरफ बढ़ रहा है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 8 वर्षों में केंद्र की सरकार ने सिर्फ रक्षा का बजट ही नहीं बढ़ाया है बल्कि ये बजट देश में ही रक्षा निर्माण इकोसिस्टम के विकास में भी काम आए, यह भी सुनिश्चित किया है।
उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए तय बजट का बहुत बड़ा हिस्सा आज भारतीय कंपनियों से खरीद में ही लग रहा है।
 
उन्होंने कहा कि बीते चार-पांच सालों में हमारा रक्षा आयात लगभग 21 प्रतिशत कम हुआ है। आज हम सबसे बड़े रक्षा आयातक के बजाय एक बड़े निर्यातक की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भारतीय उद्योग और शिक्षा जगत को जोड़ना है।
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