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Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 8 मार्च 2025 (21:20 IST)

अमेरिका का व्यापक व्यापार समझौते पर जोर, कृषि क्षेत्र को खोलने की मांग

अमेरिका का व्यापक व्यापार समझौते पर जोर, कृषि क्षेत्र को खोलने की मांग - US emphasis on comprehensive trade agreement and opening up of agriculture sector
Bilateral Trade Agreement : अमेरिका भारत पर एक व्यापक और भव्य द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए दबाव डाल रहा है, और साथ ही यह कहते हुए अमेरिकी व्यवसायों के लिए कृषि क्षेत्र को खोलने की मांग कर रहा है कि इसे अब बंद नहीं रखा जा सकता। यह एक ऐसा महत्वपूर्ण समझौता है जिस पर भारत एक विकसित अर्थव्यवस्था के साथ बातचीत करेगा। पहल ही 2 अन्य विकसित बाजारों- ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ बातचीत चल रही है। यह समझना जरूरी है कि अमेरिका भारत के कृषि क्षेत्र में क्यों दिलचस्पी रखता है। आइए, इन मुद्दों के बारे में विस्तार से जानें :
 
प्रश्न- बड़ा और भव्य द्विपक्षीय व्यापार समझौता क्या है?
उत्तर- आमतौर पर, किसी व्यापार समझौते में 2 व्यापारिक साझेदार आपस में व्यापार की जाने वाली अधिकतम वस्तुओं पर सीमा शुल्क को या तो समाप्त कर देते हैं या काफी कम कर देते हैं। अमेरिका क्षेत्र-विशिष्ट चर्चाओं में शामिल होने के बजाय सभी प्रमुख पहलुओं को शामिल करते हुए एक व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत करना चाहता है।
 
शुल्क कटौती के अलावा, अमेरिका सरकारी खरीद, कृषि सब्सिडी, पेटेंट कानून में ढील और अप्रतिबंधित डेटा प्रवाह पर प्रावधान शामिल करना चाह सकता है। ये ऐसे मुद्दे हैं जिनका भारत ने बड़े पैमाने पर विरोध किया है।
 
प्रश्न- अमेरिका क्यों चाहता है कि भारत अपने कृषि क्षेत्र को खोले?
उत्तर- भारत में कृषि सिर्फ एक आर्थिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने का एक तरीका है, जो 70 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया कराता है। भारत खाद्य उत्पादन में काफी हद तक आत्मनिर्भर है, जबकि अमेरिका के लिए कृषि एक प्रमुख व्यापार उद्योग है।
 
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में अमेरिका का कृषि निर्यात 176 अरब डॉलर था, जो उसके कुल व्यापारिक निर्यात का लगभग 10 प्रतिशत था। बड़े पैमाने पर मशीनीकृत खेती और भारी सरकारी सब्सिडी के साथ, अमेरिका और अन्य विकसित देश भारत को अपने निर्यात का विस्तार करने के लिए एक आकर्षक बाजार के रूप में देखते हैं। भारत के विपरीत जहां खेती आजीविका से जुड़ी हुई है, अमेरिका कृषि को मुख्य रूप से व्यापार और बाजार पहुंच का मुद्दा मानता है।
 
प्रश्न- किसी क्षेत्र को अन्य देश के लिए खोलने का क्या मतलब है?
उत्तर- भारत के कृषि क्षेत्र को वर्तमान में मध्यम से उच्च शुल्क द्वारा संरक्षित किया गया है ताकि घरेलू किसानों को अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाया जा सके। किसी क्षेत्र को खोलने का मतलब है आयात प्रतिबंधों और शुल्कों को कम करना।
 
प्रश्न- भारत में कृषि क्षेत्र संवेदनशील क्यों है?
उत्तर- कृषि और पशुपालन जैसी संबद्ध गतिविधियां भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, जो 70 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं। विकसित अर्थव्यवस्थाओं के विपरीत, जहां कृषि अत्यधिक मशीनीकृत और कॉर्पोरेटकृत है, भारत में यह आजीविका का मुद्दा है जिससे इस क्षेत्र को उदार बनाने का कोई भी कदम अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है।
 
प्रश्न- भारत सरकार के लिए कृषि एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा क्यों है?
उत्तर- आर्थिक शोध संस्थान जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, कृषि को भारी सब्सिडी वाले विदेशी आयातों के लिए खोलने का मतलब होगा सस्ते खाद्य उत्पादों का प्रवाह, जो भारतीय किसानों की आय और आजीविका पर गंभीर प्रभाव डालेगा।
 
उन्होंने कहा कि वैश्विक खाद्य व्यापार का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा 5 बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा नियंत्रित किया जाता है जिन्होंने ऐतिहासिक रूप से शिकारी मूल्य निर्धारण रणनीतियों का उपयोग किया है। यदि भारत संरक्षण कम करता है, तो घरेलू किसान इन वैश्विक दिग्गजों की दया पर निर्भर हो सकते हैं जिससे गंभीर राजनीतिक और आर्थिक परिणाम हो सकते हैं। यह कृषि को भारतीय सरकार के लिए एक विवादास्पद मुद्दा बनाता है।
 
प्रश्न- भारत कृषि आयात पर किस प्रकार का शुल्क लगाता है?
उत्तर- भारत अपने कृषि क्षेत्र की रक्षा के लिए शून्य से 150 प्रतिशत तक शुल्क संरचना बनाए रखता है। अमेरिका भी चुनिंदा कृषि उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाता है। उदाहरण के लिए अमेरिका तम्बाकू पर 350 प्रतिशत शुल्क लगाता है।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour