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Last Updated : मंगलवार, 21 जून 2022 (00:38 IST)

संयुक्त किसान मोर्चा ने अग्निपथ को 'राष्ट्र विरोधी' बताया, 24 जून को देशव्यापी प्रदर्शन करेगा

संयुक्त किसान मोर्चा ने अग्निपथ को 'राष्ट्र विरोधी' बताया, 24 जून को देशव्यापी प्रदर्शन करेगा - United Kisan Morcha calls Agneepath 'anti-national'
नई दिल्ली। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन छेड़ने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सेना में भर्ती से जुड़ी अग्निपथ योजना को 'किसानों को नुकसान पहुंचाने' वाला एक और कदम करार दिया तथा उसके खिलाफ 24 जून को देशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की।
 
एसकेएम ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वन रैंक वन पेंशन' के वादे पर समर्थन जुटाकर अपना विजय अभियान शुरू किया था, लेकिन अब नई 'नो रैंक नो पेंशन' योजना शुरू की है।
 
एसकेएम ने देश के कई हिस्सों में जारी प्रदर्शन के लिए अपना समर्थन घोषित किया और अग्निपथ योजना को 'सैन्य विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी' करार देते हुए युवाओं से उसके खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की।
 
एसकेएम ने एक बयान में कहा कि जब केंद्र सरकार 'जय जवान जय किसान' के नारे की भावना को नष्ट करने पर तुली हुई है, तो किसान आंदोलन का कर्तव्य है कि वह इस संघर्ष में जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहे। बयान में कहा गया कि संयुक्त किसान मोर्चा 24 जून को पूरे देश में विरोध दिवस मनाएगा। एसकेएम की सात सदस्यीय समन्वय समिति ने सोमवार को करनाल (हरियाणा) में एक बैठक में यह निर्णय लिया।
 
एसकेएम ने कहा कि शुक्रवार को सभी जिला और तहसील मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। किसानों के संगठन ने युवाओं, विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों से विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने का आग्रह किया है।
 
एसकेएम ने दावा किया कि अग्निपथ योजना देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। बयान में कहा गया, 'यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ, बल्कि देश के किसान परिवारों के साथ भी खिलवाड़ करने जैसा है। इस देश का जवान वर्दीधारी किसान है।
 
एसकेएम ने कहा कि ज्यादातर सैनिक किसान परिवारों से आते हैं। सेना की नौकरी लाखों किसान परिवारों के सम्मान और आर्थिक ताकत से जुड़ी होती है। बयान में कहा गया कि यह देश के लिए शर्म की बात है कि 'वन रैंक वन पेंशन' के वादे के साथ पूर्व सैनिकों का समर्थन जुटाकर अपने विजय अभियान की शुरुआत करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब 'नो रैंक नो पेंशन' की इस योजना की शुरुआत की है।
 
बयान में कहा गया कि सेना में नियमित भर्ती में 'भारी कटौती' उन किसानों के बेटों के साथ विश्वासघात है, जिन्होंने वर्षों से सेना में सेवा करने का सपना संजोया था। इससे पहले दिन में, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा अग्निपथ योजना के खिलाफ 24 जून को देशव्यापी प्रदर्शन करेगा।
 
किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे टिकैत ने ट्वीट किया कि युवाओं, नागरिक संस्थाओं, दलों से एकत्रित होने की अपील है। भारतीय किसान यूनियन का 30 जून को होने वाला प्रदर्शन अब 24 जून को होगा। केंद्र के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ एसकेएम के नेतृत्व में आंदोलन हुआ था। बाद में तीनों कृषि कानून वापस ले लिए गए थे।
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