Fact Check: अग्निपथ स्कीम को लेकर वायरल हुआ रक्षा मंत्रालय का संशोधन लेटर, जानिए क्या है सच?
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय के नाम से एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें केंद्र की नई भर्ती योजना अग्निपथ के तहत 'हाल ही में नामांकित जवानों के लिए संशोधित शर्तों और सेवा के कार्यकाल' को लेकर जानकारी शेयर की है। अब वायरल हो रहे इस लेटर को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि सुर्कुलेट हो रहा लेटर फर्जी है। सरकार की तरफ से ऐसा कोई संशोधन नहीं किया गया है।
पत्र में क्या है दावा? : वायरल हो रहे पत्र में दावा किया गया है कि 1 जनवरी, 2019 के बाद सत्यापित किए गए ओआरएस और जिन्हें 1 जुलाई, 2022 को नाइक या समकक्ष के मूल रैंक पर पदोन्नत नहीं किया गया, उन्हें अग्निपथ योजना के तहत रखा जाना है। 'फर्जी' लेटर में यह भी कहा गया है कि ओआरएस को 5 साल की सेवा पूरी करने के बाद एक नई चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा।
पत्र में कहा गया है कि यह ध्यान देना जरूरी है कि केवल 25 प्रतिशत ओआरएस इसे अगले चरण में लाएंगे और इसे नए पायलट प्रोग्राम टेंडर के लिए पंजीकृत किया जाएगा। शेष ओआरएस को मौजूदा निर्वहन नीतियों के अनुसार निर्वहन सेवा निधि के तहत रिटायर कर दिया जाएगा। फर्जी पत्र पर संज्ञान लेते हुए पीआईबी के फैक्ट चेक ने खुलासा किया कि रक्षा मंत्रालय ने ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया है।