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Last Modified: सोमवार, 29 अगस्त 2016 (20:08 IST)

बुद्धिहीन और विवेकहीन हैं पूनावाला : मुनि तरुणसागरजी

बुद्धिहीन और विवेकहीन हैं पूनावाला : मुनि तरुणसागरजी - Trunsagrji, Tehseen Poonawalla, Jain monks
नई दिल्ली। राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला द्वारा ट्‍विटर पर जैन मुनि तरुणसागरजी पर की  गई अभद्र टिप्पणी के जवाब में जैन मुनि ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी कोई  समझदार और भला आदमी तो नहीं कर सकता। 
समाचार चैनल आईबीएन7 पर बहस में हिस्सा लेते हुए पूनावाला ने महिलाओं पर  तरुणसागरजी की टिप्पणी की आलोचना की। पूनावाला ने कहा कि पति और पत्नी में  कोई नंबर एक या नंबर दो नहीं होता। दोनों बराबर होते हैं। 
 
उल्लेखनीय है कि तरुणसागरजी ने हरियाणा विधानसभा में कहा था कि महिलाओं का  पति का अनुशासन मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस घर में दो आदेश चलेंगे, वह  घर के लिए अनुकल नहीं है। विधानसभा में प्रवचन देने के मुद्दे पर जैन मुनि ने कहा  कि विधानसभाओं और लोकसभा में अच्छी बातें कहने की जरूरत है क्योंकि सबसे  खतरनाक लोग तो वहीं पर होते हैं। 
 
जवाब में तहसीन ने कहा कि महिलाओं पर जैन मुनि की टिप्पणी अनुचित है। धर्म  और राजनीति को अलग-अलग होना चाहिए, जबकि तरुणसागरजी ने कहा कि किसी भी  धर्म और धर्माचार्य पर आघात करना संविधान के अनुकूल नहीं है।

इसी बीच, पत्रकार  प्रेम शुक्ला ने तहसीन पूनावाला से पूछा कि जिस तरह से उन्होंने जैन मुनि पर  टिप्पणी की है, क्या वे किसी मुल्ला अथवा मौलवी के खिलाफ टिप्पणी करने का साहस दिखा सकते हैं। जवाब में पूनावाला ने कहा कि मैं किसी भी धर्म को नहीं मानता। मैं  नास्तिक हूं।  बहस में मौजूद स्वामी चक्रपाणी ने कहा कि पूनावाला ने जान-बूझकर तरुणसागरजी का  अपमान किया है। इन्हें माफी मांगनी चाहिए अन्यथा इनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए।
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