अगले साल तक सभी रेल डिब्बों में बायो टॉयलेट लगा दिए जाएंगे
नई दिल्ली। स्वच्छता और रेल पटरियों को नुकसान से बचाने के लिए अगले वर्ष तक देश की सभी रेलगाड़ियों के डिब्बे में बायो टॉयलेट लगा दिए जाएंगे।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में 58,000 रेलवे कोच हैं जिनमें 1 लाख 47 हजार 700 में बायो टॉयलेट लगाए गए हैं, शेष रेलगाड़ियों में 12 से 18 महीने में बायो टॉयलेट लगाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मल-मूत्र के पटरियों पर गिरने से गंदगी फैलती है और खतनाक मीथेन गैस निकलती है। मीथेन गैस कितनी मात्रा में निकलती है उसका आकलन नहीं कराया गया है लेकिन रेल पटरियों पर यूरिक एसिड गिरने से उसे नुकसान होता है जिसके कारण दुर्घटनाएं भी होती हैं।
गोयल ने कहा कि एक बायो टॉयलेट लगाने पर करीब 1 लाख रुपए खर्च होते हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगटन (डीआरडीओ) ने इस टॉयलेट का विकास किया है। बड़े पैमाने पर बायो टॉयलेट लगाने के लिए इसी माह निविदा खुलेंगी जिससे इसकी लागत दर में कमी आने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि पिछले 60 सालों से रेलवे की उपेक्षा की गई लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद आधुनिकीकरण पर जोर दिया गया है और इस वर्ष इस पर 1 लाख 42 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे और यात्री सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और पर खर्च में कोई कटौती नहीं की जाएगी। (वार्ता)