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Last Modified: मंगलवार, 17 जुलाई 2018 (14:57 IST)

बुलेट ट्रेन पर करोड़ों खर्च कर रही सरकार, दुग्ध उत्पादकों के लिए पैसे क्यों नहीं : शिवसेना

बुलेट ट्रेन पर करोड़ों खर्च कर रही सरकार, दुग्ध उत्पादकों के लिए पैसे क्यों नहीं : शिवसेना - Shiv Sena, Bullet train, Milk producer farmer
मुंबई। महाराष्ट्र में जारी दुग्ध उत्पादक किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में आई शिवसेना ने मंगलवार को जानना चाहा कि अगर सरकार बुलेट ट्रेन जैसी महंगी परियोजनाओं पर करोड़ों रुपए खर्च कर सकती है तो वह दूध खरीद मूल्य में बढ़ोतरी क्यों नहीं कर सकती है।


राज्य के किसानों के संगठनों ने दूध के खरीद मूल्य में प्रति लीटर पांच रुपए की वृद्धि की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू किया है। प्रदर्शन सोमवार सुबह शुरू हुआ। इसके तहत प्रदर्शनकारी महाराष्ट्र के कई जिलों में दूध के टैंकरों की आवाजाही अवरुद्ध कर रहे हैं।

शिवसेना ने कहा, आंदोलन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसे राजू शेट्टी (किसान नेता) ने शुरू किया है। किसान ना तो किसी क्षेत्र विशेष या ना ही किसी जाति अथवा राजनीतिक दल से संबंध रखते हैं। 3000 से अधिक किसानों ने बीते चार साल में अपना जीवन खत्म कर लिया है और इनमें से अधिकतर ने (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी को वोट दिया था।

पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा, पिछले साल किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए हड़ताल की थी, जो सरकार के लिए लज्जा की बात है। अब डेयरी किसानों के मौजूदा आंदोलन को दबाने के बजाय राज्य को यह सोचना चाहिए कि वह उन्हें कैसे राहत दे सकता है।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार आंदोलन तोड़ने की कोशिश कर रही है तो वहीं दूसरी ओर वह ‘जय किसान’ के नारे लगा रही है। पार्टी ने कहा कि सरकार ने दूध खरीद दर 27 रुपए प्रति लीटर तय कर रखा है लेकिन अब भी इसे महज 16-18 रुपए की दर से खरीदा जा रहा है।

संपादकीय में कहा गया, गोवा और कर्नाटक की सरकारें दूध किसानों को पांच रुपए प्रति लीटर की सब्सिडी देती हैं। तो अगर महाराष्ट्र के किसान भी ऐसी ही राहत की मांग करते हैं, तो इसमें गलत क्या है? सरकार बुलेट ट्रेन, समृद्धि कॉरिडोर और मेट्रो रेल परियोजनाओं पर हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इसके अनुसार, सरकार बुलेट ट्रेन के लिए कर्ज तक ले रही है लेकिन वह पांच रुपए खरीद मूल्य बढ़ाने की इच्छा नहीं रखती।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि उत्पाद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में इजाफा करने की घोषणा की, लेकिन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को यह स्पष्टीकरण देना चाहिए कि क्या महाराष्ट्र के किसानों को भी यह लाभ मिलेगा या नहीं। इसमें कहा गया कि किसानों ने मोदी को सत्ता में लाने के लिए वोट दिया, लेकिन अब वही भ्रमित और परेशान हैं। (भाषा)
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