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Last Updated :इंदौर , शनिवार, 11 जनवरी 2025 (10:36 IST)

टीआई फंसा सट्टा कांड में, डिमोशन कर बनाया सब इंस्पेक्टर, इन्क्रीमेंट भी रोका

टीआई फंसा सट्टा कांड में, डिमोशन कर बनाया सब इंस्पेक्टर, इन्क्रीमेंट भी रोका - TI caught in betting scandal
TI's demotion: पुलिस की विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर थाना प्रभारी रवीन्द्र सिंह गुर्जर का डिमोशन कर दिया गया है। इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने गुर्जर को 3 साल तक बतौर सब इंस्पेक्टर कार्य करने की सजा सुनाई है। दूसरी ओर एसआई संजय धुर्वे के 2 इन्क्रीमेंट रोक दिए हैं और कांस्टेबल लोकेंद्र सिंह सिसौदिया का 1 इन्क्रीमेंट डाउन किया है। इस केस में एक कांस्टेबल भी उलझा हुआ था जिसने कुछ दिन पूर्व आत्महत्या कर ली थी।
 
इस मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि शहर में लंबे समय बाद किसी टीआई को एसआई बनने का
मामला आया है। सालों पहले टीआई हेमराज जाट को तत्कालीन एसपी बीएम कंवर ने सट्टे की कार्रवाई में डिमोशन कर सब इंस्पेक्टर बनाया था।ALSO READ: एमपी की पुलिस उपमहानिरीक्षक ने बताया कि कैसे ओजस्वी बच्चे पैदा किए जा सकते हैं
 
एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह के अनुसार 15 जून 2023 को तत्कालीन विजय नगर टीआई गुर्जर के कार्यकाल में स्कीम 54 स्थित बीट के जवान लोकेंद्र सिंह और मुकेश लोधी ने ऑनलाइन सट्टा खेलने के आरोप में 3 युवकों और एक नाबालिग को पकड़ा था। अफसरों को शिकायत मिली थी कि पुलिस जवानों ने आरोपियों को रुपए लेकर छोड़ दिया है और अगले दिन तक एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई। वहीं टीआई को लगा कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है।ALSO READ: गूगल मैप्स ने गलती से असम पुलिस को नगालैंड पहुंचाया, लोगों ने बनाया बंधक
 
इस मामले में तत्कालीन डीसीपी अभिषेक आनंद ने पीई (प्राथमिक इंक्वायरी) के आदेश दिए थे। तत्कालीन एसीपी परदेशीपुरा भूपेंद्र सिंह ने जांच कर रिपोर्ट दी। रिपोर्ट के मुताबिक उक्त केस में टीआई का स्टॉफ पर नियंत्रण नहीं दिखा। एसआई और टीआई ने एफआईआर भी दर्ज नहीं की। वहीं रुपए लेने के आरोप के बाद पकड़े आरोपियों को छोड़ दिया। दूसरी ओर एक नाबालिग को विधि विरुद्ध कार्रवाई कर थाने में बैठाया। इन बिंदुओं पर टीआई, एसआई और कांस्टेबल को दोषी करार दिया था। रिपोर्ट के तथ्यों की जांच डीसीपी हंसराज सिंह ने की और कमिश्नर को रिपोर्ट सौंपी और कमिश्नर ने उक्त पुलिस कर्मचारियों को सजा सुना दी।
 
Edited by: Ravindra Gupta