श्रीनगर। संसद पर हमले के मामले में दोषी अफजल गुरु की पांचवीं बरसी के अवसर पर उसके अवशेषों को वापस लाने के लिए दबाव बनाने के लक्ष्य से अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल के कारण शुक्रवार को कश्मीर में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ। संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व की ओर से आहूत हड़ताल के कारण कश्मीर के ज्यादातर हिस्से में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान शुक्रवार को बंद रहे।
अधिकारियों ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन नहीं चल रहे थे, हालांकि शहर के सिविल लाइन इलाके में कुछ निजी वाहन जरूर सड़कों पर दिखे। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए खन्यार, करालखुड, महाराजगंज, मैसूमा, नौहाटा, रैनावाड़ी और सफाकदल थाना क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी थी।
अधिकारियों ने बताया कि अफजल गुरु के पैतृक गांव सोपोर में भी निषेधाज्ञा लगाई गई थी ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। प्रशासन ने उत्तरी कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। बारामुला व कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों की अतिरिक्त टोलियां तैनात की गई थीं। जगह-जगह नाके लगाकर वाहनों और राहगीरों की तलाशी ली जा रही थी।
बारामुला जिले के दोआबगाह जो अफजल गुरु का पैतृक इलाका है, को सुरक्षाबलों ने सील कर दिया था। इलाके की तरफ आने जाने वाले सभी रास्तों पर कंटीली तारें और रुकावटें खड़ी कर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई थी।
अलगाववादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष यासीन मलिक को पहले ही सेंट्रल जेल भेज दिया गया है, जबकि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नरमपंथी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी को अपने घरों में नजरबंद रखा गया है।
अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासिन मलिक ने जेएलआर के बैनर तले अफजल की फांसी के विरोध और उसके अवशेषों को वापस लाने के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से हड़ताल का आह्वान किया था। गुरु को 2001 में संसद पर हुए हमले के संबंध में 2013 में फांसी की सजा दी गई थी। उसके शव को दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में दफनाया गया है।
संसद पर हमला करने के दोषी अफजल गुरु की पांचवीं बरसी पर कश्मीर घाटी में अलगावादियों की ओर से हड़ताल के आह्वान के मद्देनजर सुरक्षा कारणों से आज रेल सेवाएं भी स्थगित कर दी गईं। अफजल को संसद हमला मामले में दोषी पाए जाने पर नौ फरवरी 2013 को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस की ओर से कल रात परामर्श मिलने के बाद कश्मीर घाटी में रेल सेवाएं स्थगित कर दी गईं।
उन्होंने बताया कि बड़गाम-श्रीनगर से अनंतनाग, दक्षिण कश्मीर में काजीगुंड से जम्मू क्षेत्र में बनिहाल के बीच ट्रेनें नहीं चलीं। इसी तरह उत्तरी कश्मीर में श्रीनगर-बडगाम से बारामुल्ला के बीच भी कोई ट्रेन नहीं चली। कश्मीर घाटी में सुरक्षा कारणों से इस वर्ष आंशिक या पूर्ण रूप से यह 11वीं बार ट्रेन सेवा स्थगित की गई है जबकि पिछले वर्ष 50 से अधिक बार ट्रेन सेवा स्थगित की गई थी।
ज्वाइंट रेसिस्टेंट लीडरशिप (जेआरएल) में शामिल अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज मौलवी उमर फारूक तथा मोहम्मद यासीन मलिक ने शुक्रवार को घाटी में हड़ताल का आह्वान किया था।