मंगलवार, 5 नवंबर 2024
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पाक गोलाबारी में महिला की मौत, तीन जवान जख्मी

पाक गोलाबारी में महिला की मौत, तीन जवान जख्मी - LoC, Pakistani firing, shellfire, Pakistani army
श्रीनगर। जम्मू संभाग के पुंछ जिले की एलओसी पर पाक सेना द्वारा गुरुवार देर शाम से जारी गोलीबारी में एक महिला की मौत हो गई तथा सेना के तीन जवान घायल हो गए हैं। तीन में से दो घायल जवानों को एयरलिफ्ट करके उधमपुर अस्पताल लाया गया है। भारतीय सेना भी इस गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रही है। पाक रेंजरों द्वारा अपनी गोलाबारी की शैली में किए गए बदलाव से हर समय सीमांत लोगों की जिंदगी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
 
 
पाकिस्तान पुंछ जिले की कृष्णा घाटी में सैन्य चौकियों को निशाना बनाकर गोलीबारी कर रहा है। इस दौरान पाक सेना मोर्टार शैल भी दाग रही है। इस गोलीबारी में अब तक सेना के तीन जवान घायल हो चुके हैं। तीन में से दो जवानों की हालत गंभीर होने के चलते उन्हें हवाई मार्ग द्वारा उधमपुर सैन्य अस्पताल उपचार के लिए लाया गया है जहां पर उनका इलाज जारी है। घायलों की पहचान हवलदार लखवींद्रसिंह, हवलदार बावींद्रसिंह तथा लॉयंस नायक चरनजीत सिंह के रूप में हुई है।
 
 
भारतीय जवान भी पाक की गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। इसी बीच गुरुवार शाम को कृष्णा घाटी में पाक द्वारा की गई गोलीबारी में एक महिला की मौत हो गई तथा कई घरों को नुकसान पहुंचा है। दूसरी ओर पाक रेंजरों द्वारा अपनी गोलाबारी की शैली में किए गए बदलाव से हर समय सीमांत लोगों की जिंदगी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। जब भी भारत-पाक सरहद पर दोनों देशों के बीच कभी तनाव की स्थिति बनती है, तो उसका इंसानी जिंदगी पर बुरा असर पड़ता है।
 
 
दो सालों में पाक गोलाबारी की शैली में होने वाले बदलाव से इंसानी जिंदगी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। खासतौर पर छोटे से सीमांत सब सेक्टर रामगढ़ में वर्ष 2016 से लेकर वर्तमान वर्ष 2018 फरवरी तक 10 लोगों की पाक गोलाबारी में मौत हो चुकी है और दो दर्जन लोगों को गोलाबारी का शिकार होकर अस्पतालों में भर्ती होना पड़ा। 
 
करीब एक दशक से लगातार अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर एलओसी तक भारत-पाक के बीच हर छोटे अंतराल के बाद तनाव पैदा होता आ रहा है। दोनों देशों के बीच पैदा होने वाले तनाव का सबसे अधिक खामियाजा सरहद के साथ लगते गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जब भी सरहद के उस पार से पाक मोर्टार शैल भारतीय रिहायशी गांवों पर गिरते हैं, तो उनके धमाकों से हर तरफ तबाही का आलम पैदा हो जाता है।
 
 
दर्जनों बेजुबान मवेशियों की पाक गोलाबारी में मौत हो चुकी है और सैकड़ों रिहायशी घरों के मूलभूत ढांचे का नुकसान हुआ है। अपने दुखों को जाहिर करते हुए सीमांत गांव कमोर कैंप निवासी मास्टर मेलाराम चौधरी ने कहा कि जैसे-जैसे भारत-पाक रिश्तों में कड़वाहट आ रही है, वैसे-वैसे सीमांत लोगों का जीवन मुश्किल में पड़ता जा रहा है। 
 
जेरडा निवासी पूर्व सरपंच मोहनसिंह भट्टी ने कहा कि जब तक सरहद पर गोलाबारी होती रहेगी, तब तक इंसानी जीवन पर मौत का खतरा मंडराता रहेगा। पूर्व सरपंच पंचायत लगवाल प्रेमपाल चौधरी ने कहा कि घुटन की जिंदगी और दर्दनाक मौत किसी को भी मंजूर नहीं। ऐसी जिंदगी और मौत के खतरे को महसूस करते ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं। आखिर कब तक पाक मोर्टार शैल इंसानी जीवन को नुकसान पहुंचाते रहेंगे। भारत-पाक में जब तनाव की स्थिति बनती है तो जिंदगी पर बुरा असर पड़ता है, दोनों देशों के बीच तनाव का खामियाजा सरहदी लोगों को भुगतना पड़ता है।
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