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Last Modified: मंगलवार, 20 मार्च 2018 (14:13 IST)

लोकसभा में सुषमा नहीं ने सकीं पूरा बयान, दुखी स्पीकर ने कहा...

लोकसभा में सुषमा नहीं ने सकीं पूरा बयान, दुखी स्पीकर ने कहा... - Sushma Swaraj Loksabha speaker Sumitra Mahajan
नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस, माकपा और राकांपा समेत विपक्षी सदस्यों के जोरदार हंगामे के कारण विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इराक में 39 भारतीयों के मारे जाने के संबंध में विस्तृत बयान नहीं दे सकीं और इस दौरान सदस्यों के हंगामे पर दुख जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि देश में ऐसी दुखद स्थिति कभी नहीं आई होगी।
 
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बजे सदन की बैठक पुन: शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा बयान दिये जाने की जानकारी दी। इस दौरान टीआरएस और अन्नाद्रमुक के सदस्य अपने अपने विषयों को लेकर आसन के समीप नारेबाजी कर रहे थे।
 
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विदेश मंत्री इराक में 39 भारतीयों के मारे जाने के विषय पर बयान देने वाली हैं और सभी को शांत रहकर सहयोग देना चाहिए। इस पर टीआरएस और अन्नाद्रमुक के सदस्य तो शांत हो गए लेकिन जब सुषमा बयान देने के लिए उठीं तो कांग्रेस, माकपा और राकांपा समेत विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस और वामपंथी दलों के सदस्य संभवत: तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में व्यवस्था नहीं बन पाने की ओर इशारा करते हुए नारेबाजी कर रहे थे।
 
विदेश मंत्री ने वक्तव्य देने का प्रयास किया और यह भी कहा कि वह शोर-शराबे में विस्ताव से जानकारी नहीं दे पाएंगी। लेकिन हंगामा जारी रहने के कारण वह विस्तार से बयान नहीं दे सकीं और उन्होंने केवल इतना बताया कि 39 लोगों में से 38 के डीएनए नमूनों का मिलान होने के बाद उनके मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और एक अन्य व्यक्ति के डीएनए नमूने का भी 70 प्रतिशत मिलान हो चुका है। बाद में जब नारेबाजी नहीं थमी, तो सुषमा पूरा बयान दिए बिना बैठ गईं।
 
लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर दु:ख प्रकट करते हुए कहा, 'हम लोग इतने मानवता से बाहर हो गए हैं। हमारे अंदर कोई भावना नहीं है।' उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा, 'यह अच्छी बात नहीं है। हमें इतना भी संवेदनहीन नहीं होना चाहिए। इस तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए। यह दुखद स्थिति है। बहुत दुख की बात है। मुझे बहुत दुख हो रहा है।'
 
सुमित्रा महाजन ने कहा, 'राजनीति में हम इतने संवेदनहीन हो गए। काम नहीं होने दे रहे। देश में ऐसी दुखद स्थिति कभी नहीं आई होगी। कई महत्वपूर्ण काम होने हैं। लेकिन नहीं हो पा रहे। हिंदुस्तान के लोगों के लिए भी संवेदना नहीं है।' (भाषा)