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Last Updated : बुधवार, 25 सितम्बर 2019 (09:37 IST)

सोशल मीडिया AK-47 जैसा खतरनाक, सरकार तैयार करे गाइड लाइन : SC

सोशल मीडिया AK-47 जैसा खतरनाक, सरकार तैयार करे गाइड लाइन : SC - Supreme court worried over social media
सोशल मीडिया के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता जातते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया को एके-47 जैसा खतरनाक बताते हुए तकनीकी के भयानक रुप लेने पर चिंता जताई है। फेसबुक को आधार से जोड़ने के मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपक गुप्ता और अनिरुद बोस की पीठ ने कहा कि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंताओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। कोर्ट ने सोशल मीडिया को AK-47 जैसा खतरनाक बताते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह ऑनलाइन निजता और राज्य की संप्रभुता के हितों को संतुलित करके सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशा निर्देश (नियम) तैयार करे।

सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि अगर आप गहराई में जाएंगे तो महसूस होगा कि यह कितना खतरनाक है। जब यह मामला मेरे समाने आया और मैं इसकी तह तक गया तो मुझे लगा कि ये कितना खतरनाक है जैसे मैं आधे घंटे में एके-47 खरीद सकता हूं। 
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आज सोशल मीडिया का दुरुपयोग खतरनाक हो गया है और सरकार को जल्द कुछ कदम उठाना चाहिए। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य खुद को ट्रोल होने से बचा सकता है लेकिन जब कोई व्यक्ति उनके बारे में झूठ फैलाता है तो वह क्या कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि हर किसी की निजता की रक्षा होनी चाहिए और राज्य की संप्रभुता के साथ संतुलन होना चाहिए। सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक गुप्ता ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया इतना खतरनाक है कि वह अपना स्मार्टफोन बंद करके साधारण फोन लेने की सोच रहे हैं। 
 
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए 3  सप्ताह में इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशा निर्देश तैयार करने का काम कोर्ट का नहीं है, यह नीति केवल सरकार तैयार कर सकती है।  
 
कुछ देश बना चुके हैं कानून : सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं को फैलने से रोकने के लिए विश्व के कई देश कानून बना चुके हैं। फ्रांस, जर्मनी, मलेशिया और इटली जैसे देशों ने फेक न्यूज और गलत जानकारी फैलाने को अपराध घोषित करते हुए जुर्माने और सजा का प्रावधान किया है।