शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Supreme court on permanent commission to women officers in army
Written By
Last Updated : गुरुवार, 25 मार्च 2021 (13:07 IST)

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सेना में स्थायी कमीशन देने की प्रक्रिया भेदभावपूर्ण

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सेना में स्थायी कमीशन देने की प्रक्रिया भेदभावपूर्ण - Supreme court on permanent commission to women officers in army
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सेना में स्थायी कमीशन देने की मांग कर रही कई महिला एसएससी अधिकारियों की याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई की और कहा कि एसीआर मूल्यांकन प्रक्रिया में कमी है तथा वह भेदभावपूर्ण है।
 
न्यायालय ने कहा कि महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) मूल्यांकन मापदंड में उनके द्वारा भारतीय सेना के लिए अर्जित उपलब्धियों एवं पदकों को नजरअंदाज किया गया है।
 
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि जिस प्रक्रिया के तहत महिला अधिकारियों का मूल्यांकन किया जाता है उसमें पिछले साल उच्चतम न्यायालय द्वारा सुनाए फैसले में उठायी लैंगिक भेदभाव की चिंता का समाधान नहीं किया गया है।
 
शीर्ष अदालत ने कई महिला अधिकारियों की याचिकाओं पर फैसला सुनाया जिन्होंने पिछले साल फरवरी में केंद्र को स्थायी कमीशन, पदोन्नति और अन्य लाभ देने के लिए दिए निर्देशों को लागू करने की मांग की।
 
गौरतलब है कि पिछले साल 17 फरवरी को दिए अहम फैसले में शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाए। न्यायालय ने केंद्र की शारीरिक सीमाओं की दलील को खारिज करते हुए कहा था कि यह ‘‘महिलाओं के खिलाफ लैंगिक भेदभाव’’ है।
 
न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया था तीन महीनों के भीतर सभी सेवारत एसएससी महिला अधिकारियों के नाम पर स्थायी कमीशन के लिए गौर किया जाए चाहे उन्हें सेवा में 14 साल से अधिक हो गए हो या चाहे 20 साल। (भाषा)
ये भी पढ़ें
Tuberculosis: क्‍यों आज भी हमारे बीच बना हुआ है ‘टीबी का वायरस’