गुरुवार, 10 जुलाई 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. China Pakistan-Bangladesh alliance is a big threat to India
Last Updated : बुधवार, 9 जुलाई 2025 (14:17 IST)

चीन-पाकिस्तान-बांग्लादेश का गठजोड़ भारत के लिए बड़ा खतरा, CDS जनरल अनिल चौहान की चिंता

CDS Anil Chauhan
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने चीन-पाकिस्तान-बांग्लादेश की तिकड़ी को भारत के लिए बड़ा खतरा बताया है। चिंता जाहिर करने के साथ ही उन्‍होंने इसे लेकर चेताया भी है। मंगलवार को एक प्रतिष्ठित थिंक टैंक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच किसी भी प्रकार का रणनीतिक गठजोड़ भारत की आंतरिक स्थिरता और बाहरी सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा बन सकता है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यदि ये तीनों देश किसी साझा रणनीतिक मंच या सहयोग में आते हैं, तो इसका सीधा प्रभाव भारत की सुरक्षा संरचना और भू-राजनीतिक स्थिति पर पड़ेगा।

क्या कहा CDS चौहान ने : चीन-पाकिस्तान सैन्य गठजोड़ जनरल चौहान ने कहा कि बीते पांच वर्षों में पाकिस्तान ने अपने 70-80% रक्षा उपकरण और हथियार चीन से खरीदे हैं, जो दोनों देशों के बीच एक मजबूत सैन्य गठबंधन को दर्शाता है।

चीनी कंपनियों के पाकिस्तान में हित : उन्होंने यह भी बताया कि कई चीनी सैन्य कंपनियों के पाकिस्तान में आर्थिक और तकनीकी हित हैं, जो रणनीतिक निर्भरता को और गहरा कर रहे हैं।

बांग्लादेश को लेकर इशारा : भले ही बांग्लादेश ने अभी तक कोई खुले तौर पर सैन्य साझेदारी नहीं की है, लेकिन जनरल चौहान का यह इशारा साफ था कि अगर बांग्लादेश भी इस गठजोड़ का हिस्सा बनता है, तो भारत की पूर्वी सीमाओं पर नई सुरक्षा चुनौतियाँ खड़ी हो सकती हैं।

परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच संघर्ष का ज़िक्र: उन्होंने 7-10 मई 2025 के सैन्य संघर्ष की ओर इशारा किया, जिसे उन्होंने "ऐतिहासिक" करार दिया। “यह पहली बार था जब दो परमाणु संपन्न राष्ट्र (भारत और पाकिस्तान) सीधे सैन्य संघर्ष में शामिल हुए। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम किसी प्रकार के परमाणु ब्लैकमेल से डरने वाले नहीं हैं।” बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब भारत के शीर्ष रक्षा अधिकारी या विश्लेषक चीन-पाक गठजोड़ को लेकर चेतावनी दे रहे हैं।

डोकलाम विवाद (2017) : भारत-चीन-भूटान सीमा पर डोकलाम में हुए सैन्य गतिरोध के दौरान चीन ने पाकिस्तान के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था। उस समय भी रक्षा विशेषज्ञों ने चेताया था कि यह एक "साइलेंट अलायंस" की शुरुआत हो सकती है।

गिलगित-बाल्टिस्तान में CPEC : चीन द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (CPEC) के तहत गिलगित-बाल्टिस्तान में निर्माण कार्य भारत की संप्रभुता के लिए सीधा खतरा माना गया।

चीन-बांग्लादेश रक्षा समझौते (2016-2022) : चीन ने बांग्लादेश को पनडुब्बियां, फ्रिगेट, और मिसाइल रोधी प्रणालियां प्रदान की हैं। 2022 में दोनों देशों के बीच एक बड़ा सैन्य प्रशिक्षण और खुफिया सहयोग समझौता भी हुआ था। इससे भारत की पूर्वी सीमा पर भी रणनीतिक दबाव महसूस किया गया।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं : डॉ. भरत कारंडे, एक वरिष्ठ रक्षा विश्लेषक, कहते हैं– "जनरल चौहान का बयान केवल कूटनीतिक चेतावनी नहीं है, बल्कि यह आने वाले वर्षों के लिए भारत की रक्षा नीति का ट्रेंडसेटर हो सकता है। भारत को अब अपनी पूर्वोत्तर नीति, भारतीय नौसेना की इंडो-पैसिफिक उपस्थिति, और स्ट्रैटजिक पाटर्नरशिप्स को तेजी से मज़बूत करना होगा।"

जनरल अनिल चौहान की यह चेतावनी केवल सैन्य नजरिए से नहीं, बल्कि राजनीतिक और भू-रणनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद गंभीर है। आने वाले समय में भारत को अपने पड़ोसी देशों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखनी होगी, ताकि देश की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।
Edited By: Navin Rangiyal
ये भी पढ़ें
पंजाब में बड़ी आतंकी साजिश नाकाम, हथियारों का जखीरा बरामद