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Last Modified: बुधवार, 24 मई 2023 (18:53 IST)

India Inflation : RBI गवर्नर बोले- महंगाई के खिलाफ लड़ाई जारी, अल नीनो फैक्टर बिगाड़ सकता है खेल

Shaktikanta Das, Governor RBI
India Inflation : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि महंगाई दर नरम हुई है और इसके 4.7 प्रतिशत से नीचे आने की उम्मीद है। हालांकि आत्मसंतुष्टि की कोई गुंजाइश नहीं है और मुद्रास्फीति को काबू में लाने को लेकर उठाए गए कदम जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि अल नीनो एक अन्य जोखिम है। यह हमारी अर्थव्यवस्था को किस हद तक प्रभावित करता है, यह आने वाला समय ही बताएगा।

उल्लेखनीय है कि मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी के साथ खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 18 महीने के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आ गई है। दास ने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सालाना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, मुद्रास्फीति में नरमी आई है और अप्रैल महीने में यह 4.7 प्रतिशत रही। आगे इसमें और नरमी आ सकती है।

हालांकि उन्होंने कहा कि भले ही मुद्रास्फीति घटी है, लेकिन आत्मसंतुष्टि की कोई गुंजाइश नहीं है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पूर्व में मुद्रास्फीति में नरमी दिख रही थी लेकिन अचानक रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से स्थिति पलट गई। इससे वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था बाधित हुई और जिंसों के दाम चढ़े।

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति को काबू में रखने को लेकर अभियान अभी पूरा नहीं हुआ है और आरबीआई उभरती स्थिति को लेकर सतर्क रहेगा। वृहद आर्थिक स्थिति का जिक्र करते हुए दास ने कहा कि मुद्रास्फीति नरम हुई, जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर बनी हुई है और चालू खाते का घाटा भी कम हुआ है तथा फिलहाल प्रबंध करने लायक स्थिति में है। राजकोषीय घाटा भी कुछ कम हुआ है।

उन्होंने कहा, वृहद आर्थिक मोर्चे पर स्थिरता तथा वित्तीय क्षेत्र में मजबूत स्थिति के साथ बैंकों की कुल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (जीएनपीए) दिसंबर के अंत में 4.4 प्रतिशत रहीं। दास ने कहा कि एक समय बैंकों के लिए गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां चिंता का विषय थीं, लेकिन अब वह चिंता कम हुई है, जो अच्छा संकेत है।


उन्होंने कहा कि इसके अलावा बैंक से कर्ज लेने में तेजी है और ताजा आंकड़ों के अनुसार यह 15.5 प्रतिशत रहा।आरबीआई गवर्नर ने कहा, इन सबके ऊपर, हमारे पास आबादी संबंधी लाभ भी है। यह भारत के लिए बड़ा अवसर है...।

उन्होंने भरोसा जताया कि इन सबके बीच देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। चुनौतियों का जिक्र करते हुए दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कुछ भी अचानक से नकारात्मक होने से परिस्थितियों पर असर पड़ेगा तथा निर्यात में नरमी एक अन्य चुनौती है।

उन्होंने कहा कि अल नीनो एक अन्य जोखिम है। दास ने कहा, हालांकि भारतीय मौसम विभाग के अनुसार हिंद महासागर डाइपोल (समुद्री सतह पर दो क्षेत्रों के बीच तापमान का अंतर) की स्थिति सकारात्मक है। यह कुछ हद तक अल नीनो के प्रभाव को बेअसर करने में सक्षम हो सकता है। हालांकि इसे मौसम विशेषज्ञों को देखना है, लेकिन यह एक अनिश्चितता है। यह हमारी अर्थव्यवस्था को किस हद तक प्रभावित करता है, यह आने वाला समय ही बताएगा।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)