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Last Modified: बुधवार, 15 जनवरी 2025 (12:08 IST)

सागर के 'त्रिदेव', युद्धपोत INS सूरत, नी‍लगिरि और वाघशीर, दहल जाएगा दुश्मन

पीएम नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस के अवसर पर मुंबई में INS सूरत, INS नीलगिरि और INS वाघशीर को देश को समर्पित किया। 3 युद्धपोत मिलने से समुद्र में भारत की ताकत और बढ़ जाएगी

INS surat
indian submarines : पीएम मोदी ने नौसेना दिवस के अवसर पर मुंबई में INS सूरत, INS नीलगिरि और INS वाघशीर को देश को समर्पित किया। 3 युद्धपोत मिलने से समुद्र में भारत की ताकत और बढ़ जाएगी। इन तीनों युद्धपोतों को मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत तैयार किया गया है। जानिए भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने वाले तीनों यूद्धपोतों की खासियत... 
 
INS सूरत में क्या है खास : अत्याधुनिक तकनीकों से लैस आईएनएस सूरत को भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15बी के तहत तैयार किया गया है। यह चौथा और आखिरी स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है। यह युद्धपोत दुश्मनों के खिलाफ सटीक मार करने की क्षमता रखता है। आईएनएस सूरत की नींव 7 नवंबर 2019 को रखी गई थी और 17 मई 2022 को इसे लॉन्च किया गया था। इस जंगी जहाज लंबाई 164 मीटर है और ये 7,400 टन के डिस्प्लेस्मेंट साथ आता है। ये स्टेल्थ फीचर्स और उन्नत रडार सिस्टम से लैस है। यह दुश्मन पर दूर से नजर रखता है इस वजह से इसे ट्रैक करना आसान नहीं है।
 
ins nilgiri
INS नीलगिरी की क्या है विशेषता : आईएनएस नीलगिरि को भारतीय नौसेना ने प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाया है। यह देश का पहला स्टेल्थ फ्रिगेट है। 149 मीटर लंबा यह युद्धपोत 6,670 टन का डिस्प्लेस्मेंट रखता है। रडार सिग्नेचर को कम करने के लिए इसमें विशेष डिजाइन का इस्तेमाल किया गया है। ब्लू वॉटर ऑपरेशन के लिए विशेष तौर पर तैयार किए गए इस युद्धपोत में इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS) से सुसज्जित इस जंगी जहाज में  सपरसोनिक सतह-से-सतह और मीडियम रेंज सतह-से-हवा में मार करने के लिए मिसाइल लगाई गई है। इसमें रैपिड फायर क्लोज-इन वेपन सिस्टम भी लगाए गए हैं।
 
सेना ने इसकी नींव 28 दिसंबर 2017 को रखी थी और 28 सितंबर 2019 को इसे लॉन्च किया गया था। आधुनिक तकनीकों से लैस इस जंगी जहाज ने समुद्री परीक्षण अगस्त 2024 में शुरू किए और सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे किए।
 
ins vaghshir
क्यों खास है INS वाघशीर : आईएनएस वाघशीर को भारतीय नौसेना ने स्कॉर्पीन-क्लास प्रोजेक्ट 75 के तहत तैयार किया है। यह छठी और आखिरी डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है। 67 मीटर है और ये 1,550 टन वजनी इस युद्धपोत को बेहद शांत और दुश्मन के इलाकों में खुफिया काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें उन्नत सोनार सिस्टम लगाए गए हैं। यह पनडुब्बी सतह और पानी के नीचे के टारगेट को खत्म करने में सक्षम है। 
edited by : Nrapendra Gupta 
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