नारायण राणे को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने से शिवसेना ‘परेशान’
मुंबई। शिवसेना ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि पार्टी पर निशाना साधने के लिए नारायण राणे को केंद्रीय मंत्रिपरिषद् में शामिल किया गया है। साथ ही आरोप लगाया कि सहकारिता मंत्रालय बनाने का उद्देश्य इस क्षेत्र को परेशान करना है जिसकी महाराष्ट्र में मजबूत उपस्थिति है।
राणे शिवसेना के पूर्व नेता हैं, जिन्होंने करीब 16 वर्ष पहले पार्टी छोड़ दी थी। उन्होंने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता अरविंद सावंत ने कहा कि राणे ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय का पदभार ग्रहण करने के बाद सबसे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बयान दिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सावंत ने कहा कि उन्होंने अपने मंत्रालय एमएसएमई सेक्टर के लिए वह क्या करने वाले हैं, इस बारे में कुछ नहीं कहा। राणे ने कथित तौर पर कहा कि शिवसेना का नेतृत्व करने वाले ठाकरे का दिल इतना बड़ा नहीं है कि उनके केंद्रीय मंत्री बनने पर वह उन्हें बधाई दें।
सावंत ने कहा कि उन्हें मंत्रिमंडल में केवल शिवसेना पर हमला करने के लिए शामिल किया गया है न कि कोई जिम्मेदारी निभाने के लिए। राणे के मंत्रालय पर सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र के लिए यह सुधार है कि भारी से अब सूक्ष्म हो गया है।
यह पूछने पर कि क्या राणे शिवसेना को कोई नुकसान पहुंचाएंगे तो सावंत ने कहा कि हमने दो बार उन्हें विधानसभा चुनावों में हराया, एक बार उनके गढ़ मालवान (कोंकण क्षेत्र में) और फिर मुंबई (बांद्रा) के उपचुनाव में।
नया सहकारिता मंत्रालय बनाए जाने के बारे में सावंत ने कहा कि केवल सहकारिता क्षेत्र का उत्पीड़न करने के लिए इसे बनाया गया है क्योंकि दूसरे राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में इसकी मजबूत मौजूदगी है। उन्होंने कहा कि महाविकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन और खासकर राकांपा के नेता सहकारिता क्षेत्र में सक्रिय हैं।