शनिवार, 5 अक्टूबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Schengen visa documents of 64 people missing from French Embassy
Written By
Last Modified: सोमवार, 19 दिसंबर 2022 (17:05 IST)

वीजा धोखाधड़ी : फ्रांस दूतावास से 64 लोगों के शेंगेन वीजा संबंधी दस्तावेज गायब

वीजा धोखाधड़ी : फ्रांस दूतावास से 64 लोगों के शेंगेन वीजा संबंधी दस्तावेज गायब - Schengen visa documents of 64 people missing from French Embassy
नई दिल्ली। फ्रांस दूतावास से ऐसे 64 लोगों की शेंगेन वीजा से संबंधित फाइल 'गायब' हो गई हैं, जिन्हें कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वीजा जारी किया गया था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित वीजा धोखाधड़ी मामले में यहां फ्रांसीसी दूतावास के 2 पूर्व कर्मचारियों समेत कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

एजेंसी ने आरोप लगाया था कि दूतावास के वीजा विभाग के पूर्व कर्मचारियों शुभम शौकीन और आरती मंडल ने जनवरी से मई के बीच अन्य लोगों के साथ साजिश रचकर धोखाधड़ी से उन लोगों को वीजा जारी किए जो उसके पात्र नहीं थे। वीजा संबंधी मंजूरी देने के लिए उन्होंने लोगों से कथित तौर पर प्रति वीजा 50 हजार रुपए लिए और 32 लाख रुपए कमाए।

अधिकारियों ने बताया कि शौकीन और मंडल ने 1 जनवरी से 6 मई के बीच वीजा संबंधी 484 फाइल पर काम किया, जिसमें से 64 फाइल उन लोगों से जुड़ी थी जिनके कथित तौर पर देश छोड़कर जाने का खतरा अधिक था। इनमें पंजाब के युवा किसान या बेरोजगार लोग शामिल हैं जिन्होंने पहले कभी विदेश यात्रा नहीं की और जो शेनेगन वीजा हासिल करने के पात्र नहीं थे।

एजेंसी को संदेह है कि मंडल और शौकीन ने कथित तौर पर अपनी गैरकानूनी गतिविधियों के सबूत मिटाने के लिए वीजा विभाग से दस्तावेज व फाइल नष्ट कर दीं। सीबीआई ने इस सिलसिले में गत शुक्रवार को दिल्ली, पटियाला, गुरदासपुर और जम्मू में छापेमारी की थी।

इस दौरान कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे लैपटॉप, मोबाइल फोन और संदिग्ध पासपोर्ट आदि बरामद किए गए। एजेंसी ने प्राथमिकी में जम्मू-कश्मीर के नवजोत सिंह, पंजाब के चेतन शर्मा और सतविंदर सिंह पुरेवाल पर फर्जी दस्तावेज देकर वीजा हासिल करने का आरोप लगाया है।

सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि आरोप है कि उक्त आपराधिक साजिश के तहत पंजाब और जम्मू के आवेदकों ने कथित तौर पर बेंगलुरु की एक कंपनी द्वारा तैयार किए गए फर्जी पत्र बेंगलुरु में फ्रांस के महावाणिज्य दूतावास के सामने पेश किए ताकि उन्हें फ्रांस के पोर्ट-ली-हार्वी में नौकरी करने के लिए प्रवेश वीजा जारी किए जाएं।

एजेंसी ने आरोप लगाया कि शौकीन और मंडल ने फ्रांस के दूतावास में वीजा विभाग के प्रमुख को जानकारी दिए बिना व उनकी मंजूरी लिए बिना वीजा जारी किए और प्रत्‍येक वीजा के लिए 50 हजार रुपए लिए।
Edited By : Chetan Gour
ये भी पढ़ें
1971 भारत-पाक युद्ध के नायक भैरोंसिंह राठौड़ का निधन, 'बॉर्डर' फिल्म में सुनील शेट्‍टी ने निभाई थी भूमिका