RSS प्रमुख भागवत ने दिए भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने के 6 मंत्र, धर्मांतरण को लेकर कही यह बड़ी बात...
हल्द्वानी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत आरएसएस के प्रदेश संगठन को धार देने और बीजेपी के संकट को उबारने के लिए अपने कुमाऊं दौरे को लेकर हल्द्वानी में हैं।इस दौरान उन्होंने अपनी बैठकों के संबोधन में धर्मांतरण को लेकर बड़ी बात कही है।उन्होंने कहा कि छोटे से स्वार्थ, शादी के लिए हिंदू लड़कियां और लड़के दूसरे धर्मों को कैसे अपनाते हैं?जो लोग ऐसा करते हैं, वो गलत करते हैं।
हमें अपने बच्चों को घर में ये शिक्षाएं देनी होंगी और उनके अंदर धर्म के प्रति आदर का भाव उत्पन्न करना होगा।भागवत ने कहा कि हमारे देश के लड़के-लड़कियां दूसरे धर्म में जाकर शादी कर रहे हैं, जो चिंताजनक है।आरएसएस प्रमुख ने ये भी कहा कि माता-पिता को इस बात से सावधान रहने की जरूरत है कि आखिर उनका बच्चा ओटीटी प्लेटफॉर्म या मोबाइल पर क्या देख रहा है।
भागवत ने कहा, ओटीटी पर हर तरह की चीजें उपलब्ध हैं।हमें अपने बच्चों को घर पर ही सिखाना होगा कि क्या देखना है और क्या नहीं।भागवत ने कहा कि भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने के छह मंत्र हैं।इसमें भाषा, भोजन, भक्ति गीत, यात्रा, पोशाक और घर शामिल हैं।
मोहन भागवत के अनुसार, जात-पात के बंधनों से बाहर निकलकर हमें मजबूत भारत का निर्माण करने के लिए गरीब तबके को भी साथ लेकर चलने की जरूरत है। भागवत ने भ्रमण के बाबद कहा कि पूरी दुनिया देखनी चाहिए, लेकिन साथ ही साथ काशी, चित्तौड़गढ़ से लेकर हल्दीघाटी, जलियांवाला बाग भी देखना चाहिए। अपने घर के अंदर महात्मा गांधी, भगत सिंह, डॉ. आंबेडकर, वीर सावरकर आदि के चित्र लगाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि रामायण में कुटुंब की कहानी है, इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।कुटुंब बनेगा तो उससे समाज बनेगा। इससे सोया हुआ राष्ट्र जगेगा और भारत विश्व गुरु बनेगा। उन्होंने कहा कि गृहस्थ आश्रम में रहने वालों के ऊपर पूरे समाज की जिम्मेदारी होती है। अपने परिवार के साथ आसपास के लोगों की भी उन्हें चिंता जरूर करनी चाहिए।