Robert Vadra पर ED का शिकंजा, कोर्ट में क्यों बताया मनी लॉन्ड्रिंग का अनूठा मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि हरियाणा के शिकोहपुर में रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े भूमि सौदे में कथित अनियमितताएं मनी लॉन्ड्रिंग का स्पष्ट और अनूठा मामला है। विशेष न्यायाधीश सुशांत चगोत्रा मामले में वाड्रा को नोटिस जारी करने के लिए ईडी की प्रारंभिक दलीलों पर सुनवाई कर रहे थे। ईडी ने 17 जुलाई को इस मामले में एक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें वाड्रा का भी नाम है।
ईडी ने दलील दी कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का एक स्पष्ट और अनूठा मामला है। अपराध की आय का उपयोग अचल संपत्तियां हासिल करने के लिए किया गया। साक्ष्य निर्णायक रूप से स्थापित करते हैं कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध है जहां अपराध की आय उत्पन्न होती है और उसका उपयोग किया जाता है। एजेंसी का प्रतिनिधित्व विशेष सरकारी वकील जोहेब हुसैन, विशेष लोक अभियोजक नवीन कुमार मट्टा और अधिवक्ता मोहम्मद फैजान ने किया।
हुसैन ने कहा कि अदालत को इस मामले की सुनवाई का अधिकार है क्योंकि अपराध की आय से जुड़ी गतिविधि राष्ट्रीय राजधानी में हुई थी। ईडी के वकील ने आरोप लगाया कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने करोड़ों रुपए की तीन एकड़ जमीन खरीदी, जिसके 99 प्रतिशत शेयर वाड्रा के पास हैं।
हुसैन ने कहा कि बिक्री विलेख में 7.5 करोड़ रुपए का भुगतान करने की झूठी घोषणाएं की गई थीं, जबकि कोई पैसा नहीं दिया गया था। उन्होंने दावा किया कि यह जमीन बाद में डीएलएफ को ज्यादा कीमत पर बेच दी गई। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को तय की है।
क्या है पूरा मामला
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला गुरुग्राम पुलिस द्वारा सितंबर 2018 में दर्ज की गई एक प्राथमिकी से जुड़ा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वाड्रा ने अपनी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 12 फरवरी, 2008 को ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से 7.5 करोड़ रुपए की झूठी घोषणा के माध्यम से सेक्टर-83 (गुरुग्राम) के शिकोहपुर गांव में 3.53 एकड़ जमीन धोखाधड़ी से खरीदी थी। उस समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। भाषा Edited by : Sudhir Sharma