Deadlock in Parliament for fourth day as well : संसद में बृहस्पतिवार को लगातार चौथे दिन बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर गतिरोध कायम रहा जबकि राज्यसभा में सेवानिवृत्त होने जा रहे 6 सदस्यों को विदाई दी गई और इस दौरान उच्च सदन में कोई शोर-शराबा देखने को नहीं मिला। हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा एक-एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। दोनों सदनों में एसआईआर के विरोध में विपक्ष के कई सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करते रहे।
लोकसभा में कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी दलों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे। उन्होंने बिहार में एसआईआर की कवायद पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया। हालांकि सदन में शोर-शराबे के बीच ही पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने प्रश्नकाल के दौरान कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आसन के समीप शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा, आपसे पहले भी कहा गया है कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। इसमें जनता के महत्वपूर्ण सवाल होते हैं और सरकार की जवाबदेही होती है। कई सांसदों ने कहा है कि प्रश्नकाल के दौरान उनके प्रश्न मुश्किल से आ पाते हैं और आप लोग नारेबाजी करते हैं। बिरला ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि इतने पुराने राजनीतिक दल के लोग जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, इसे पूरा देश देख रहा है।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जब निचले सदन की बैठक फिर शुरू हुई तो विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्षी सदस्यों से गोवा राज्य विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का समायोजन विधेयक, 2024 पर चर्चा में भाग लेने की अपील की।
मेघवाल की इस अपील के बावजूद सदन में हंगामा जारी रहने पर उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य एसटी के हित में भी साथ नहीं देना चाहते। सदन में विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों के तख्तियां लहराने को लेकर पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने कहा, जब तक आप तख्तियां दिखाएंगे, सदन की कार्यवाही नहीं चलेगी। इस तरह से तख्तियां दिखाना सदन के नियमों के विरूद्ध है।
हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने दो बजकर सात मिनट पर सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश ने कहा कि उन्हें विपक्ष के कुछ सदस्यों के विभिन्न विषयों पर नियम 267 के तहत कार्य स्थगन के 30 प्रस्ताव मिले हैं, जिन्हें वह पूर्व में सभापति द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुरूप खारिज कर रहे हैं। इससे पहले वरिष्ठ वकील एवं न्यायविद् उज्ज्वल निकम को उच्च सदन के मनोनीत सदस्य के रूप में शपथ दिलवाई गई।
जिन सदस्यों को विदाई दी गई, उनमें एम मोहम्मद अब्दुल्ला (द्रमुक), एन चंद्रशेखरन (अन्नाद्रमुक), अन्बुमणि रामदास (पीएमके), एम षणमुगम (द्रमुक) और एम वाइको (एमडीएमके) शामिल हैं। द्रमुक सदस्य पी विल्सन का कार्यकाल भी समाप्त हुआ है लेकिन वह उच्च सदन के लिए पुन:निर्वाचित हो गए हैं।
उपसभापति हरिवंश, सदन के नेता जेपी नड्डा, कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी और विभिन्न दलों के नेताओं ने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के योगदान को लोकतांत्रिक परंपराओं को सशक्त करने की दिशा में सराहनीय बताया। इसके बाद जब उपसभापति ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा तो विपक्षी सदस्यों ने अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया जिसके कारण हरिवंश ने 12 बजकर तीस मिनट पर बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने समुद्र द्वारा मालवहन विधेयक, 2025 पर चर्चा शुरू करवाई। इस विधेयक को पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कल चर्चा एवं पारित करने के लिए उच्च सदन में रखा था।
विपक्ष के कई सदस्यों के हंगामे के बीच अन्नाद्रमुक के एम थंबी दुरै और तेलुगु देशम पार्टी के अयोध्या रामी रेड्डी ने चर्चा में भाग लिया किंतु हंगामे और शोरगुल के कारण इन सदस्यों की बात नहीं समझी जा सकी। रेड्डी जब चर्चा में भाग ले रहे थे तो विपक्ष के कई सदस्य उनके पास आकर नारेबाजी करने लगे।
इस पर भाजपा के लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए इस नारेबाजी को बंद करवाने के लिए पीठासीन अध्यक्ष से अनुरोध किया। इसके बाद कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष कुछ बोलना चाहते हैं और आसन की ओर से उन्हें इसकी अनुमति दी जानी चाहिए।
इस पर पीठासीन अध्यक्ष ने कहा कि चूंकि सदन में एक विधेयक पर चर्चा चल रही है, इसलिए वह केवल उससे जुड़ी व्यवस्था के प्रश्न पर विचार करेंगे। इसके बाद उन्होंने दोपहर करीब सवा दो बजे बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। गौरतलब है कि 21 जुलाई को शुरू हुए संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन से संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के कारण गतिरोध कायम है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour