शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Reserve Bank of India's monetary policy meeting from April 3
Written By
Last Modified: रविवार, 26 मार्च 2023 (20:19 IST)

RBI की मौद्रिक नीति बैठक 3 अप्रैल से, बढ़ सकती है ब्याज दर

Reserve Bank of India
मुंबई। खुदरा मुद्रास्फीति के 6 प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बने रहने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत कई केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रुख के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी अगली मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि का फैसला कर सकता है। यह वित्त वर्ष 2023-24 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक होगी। समूचे वित्त वर्ष में आरबीआई कुल 6 एमपीसी बैठकों का आयोजन करेगा।

मौद्रिक नीति के निर्धारण संबंधी सर्वोच्च संस्था मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक तीन अप्रैल से शुरू होने वाली है। तीन दिनों तक चलने वाली यह बैठक छह अप्रैल को नीतिगत दर संबंधी फैसले के साथ खत्म होगी।

एमपीसी की बैठक में मौद्रिक नीति से जुड़े तमाम घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय पहलुओं की व्यापक समीक्षा के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। इस दौरान खुदरा मुद्रास्फीति की स्थिति और फेडरल रिजर्व, यूरोपीय सेंट्रल बैंक एवं बैंक ऑफ इंग्लैंड जैसे प्रमुख केंद्रीय बैंकों के हालिया कदमों का भी गहन विश्लेषण किया जाएगा।

मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का रुख अपनाया हुआ है। इस दौरान रेपो दर 4 प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। गत फरवरी में संपन्न पिछली एमपीसी बैठक में भी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 6.52 प्रतिशत और फरवरी में 6.44 प्रतिशत पर रही है। खुदरा मुद्रास्फीति का यह स्तर आरबीआई के लिए निर्धारित छह प्रतिशत के सुविधाजनक स्तर से अधिक है।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, पिछले दो महीनों से मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से ऊपर बने रहने और तरलता के भी अब लगभग तटस्थ हो जाने के बाद ऐसी उम्मीद है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है।

इसके साथ ही आरबीआई अपने रुख को तटस्थ घोषित कर यह संकेत भी दे सकता है कि दरों में वृद्धि का दौर खत्म हो चुका है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री डीके पंत का भी मत है कि एमपीसी की बैठक में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने इसके अंतिम दर वृद्धि होने की भी संभावना जताई।

हालांकि पीडब्ल्यूसी इंडिया के भागीदार (आर्थिक सलाहकार सेवाएं) रानेन बनर्जी का मानना है कि भारत में मुद्रास्फीति के पीछे आपूर्ति कारकों के बड़ी वजह होने से एमपीसी इस बार ब्याज दर में वृद्धि का सिलसिला रोकने का फैसला भी कर सकती है। यह वित्त वर्ष 2023-24 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक होगी। समूचे वित्त वर्ष में आरबीआई कुल छह एमपीसी बैठकों का आयोजन करेगा।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
ये भी पढ़ें
AtiqAhmed : जेल से निकलते ही बोला गैंगस्टर अतीक अहमद- 'ये मुझे मारना चाहते हैं'