शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. republic day parade 2024 : culturel, women and defence power at kartavya path
Last Updated : शुक्रवार, 26 जनवरी 2024 (14:53 IST)

कर्तव्य पथ पर दिखी भारत की सांस्कृतिक, सामरिक और महिला शक्ति की ताकत

republic day parade
Republic day parade : भारत ने शुक्रवार को अपने 75वें गणतंत्र दिवस की शुरुआत अपनी महिला शक्ति और सैन्य शक्ति के भव्य प्रदर्शन के साथ की, जिसमें विशिष्ट मार्चिंग टुकड़ियां, मिसाइलें, युद्धक विमान, निगरानी उपकरण और घातक हथियार प्रणालियां शामिल थीं। समारोह के मुख्य अतिथि और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत पूरी दुनिया भारत की शक्ति का साक्षी बनी।
पहली बार, सेना की तीनों सेवाओं की संपूर्ण महिला टुकड़ी ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया, जो देश की बढ़ती ‘नारी शक्ति’ को दर्शाता है।

परेड की शुरुआत पारंपरिक सैन्य बैंड के बजाय 100 से अधिक महिला कलाकारों द्वारा शंख, नादस्वरम और नगाड़ा जैसे भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजाते हुए की गई। यह भी अपने आप में पहली बार था।
 
परेड की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सलामी लेने के साथ हुई। वह और मैक्रों, भारतीय राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के साथ, ‘पारंपरिक बग्गी’ में कर्तव्य पथ पर पहुंचे।
 
republic day parade
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कई अन्य केंद्रीय मंत्री, देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी, विदेशी राजनयिक और वरिष्ठ अधिकारी राष्ट्रीय राजधानी के मध्य में स्थित कर्तव्य पथ पर आयोजित सबसे बड़े कार्यक्रम में दर्शकों में शामिल थे।
 
सेना टुकड़ी 61 कैवलरी नेतृत्व कर रही थी जिसे 1953 में स्थापित किया गया था। इसके बाद 11 मशीनीकृत टुकड़ियां, 12 मार्चिंग टुकड़ियां और आर्मी एविएशन कोर के उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों द्वारा फ्लाई-पास्ट किया गया।
 
टैंक टी-90 भीष्म, एनएजी मिसाइल सिस्टम, पैदल सेना के लड़ाकू वाहन, हथियार का पता लगाने वाली रडार प्रणाली 'स्वाति', ड्रोन जैमर प्रणाली और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें परेड का हिस्सा बनीं।
 
कैप्टन संध्या के नेतृत्व में तीन सेवाओं की महिला टुकड़ी ने मार्च किया। इनमें कैप्टन शरण्या राव, सब लेफ्टिनेंट अंशू यादव और फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रृष्टि राव के साथ पूर महिला दल ने खूब तालियां बटोरीं।
 
मेजर सृष्टि खुल्लर के नेतृत्व में सेना के डेंटल कोर की कैप्टन अंबा सामंत, भारतीय नौसेना की सर्जन लेफ्टिनेंट कंचना और भारतीय वायु सेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट दिव्या प्रिया के साथ एक अन्य महिला सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा दल ने भी मार्च किया।
सेना की मार्चिंग टुकड़ियों में मद्रास रेजिमेंट, ग्रेनेडियर्स, राजपूताना राइफल्स, सिख रेजिमेंट और कुमाऊं रेजिमेंट शामिल थीं।
 
भारतीय नौसेना की टुकड़ी में 144 पुरुष और महिला अग्निवीर शामिल थे, जिनका नेतृत्व ‘कंटिजेंट कमांडर’ के रूप में लेफ्टिनेंट प्रज्ज्वल एम और प्लाटून कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट मुदिता गोयल, लेफ्टिनेंट शरवानी सुप्रिया और लेफ्टिनेंट देविका एच ने किया।
 
इसके बाद नौसेना की एक झांकी प्रदर्शित की गई, जिसमें ‘नारी शक्ति’ और 'स्वदेशीकरण के माध्यम से महासागरों में समुद्री शक्ति' विषयों को दर्शाया गया।
 
झांकी के पहले भाग में भारतीय नौसेना में सभी भूमिकाओं और रैंकों में महिलाओं की शक्ति को प्रदर्शित किया गया, जबकि दूसरे भाग में पहले स्वदेशी कैरियर बैटल ग्रुप को दर्शाया गया, जिसमें विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, अत्यधिक क्षमता वाले एस्कॉर्ट जहाज दिल्ली, कोलकाता और शिवालिक और शामिल थे। कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी और रुक्मणि उपग्रह को भी प्रदर्शित किया गया।
 
भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में 144 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल थे और इसका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर ने किया। स्क्वाड्रन लीडर सुमिता यादव और प्रतीति अहलूवालिया और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कीर्ति रोहिल अतिरिक्त अधिकारी उनके साथ थे। वायुसेना की झांकी की थीम ‘भारतीय वायु सेना: सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ थी।
 
झांकी में एलसीए तेजस और एसयू-30 को हिंद महासागर क्षेत्र में उड़ान भरते हुए और एक सी-295 परिवहन विमान को कॉकपिट में महिला एयरक्रू द्वारा उड़ाते हुए दिखाया गया।
 
झांकी में बताया गया कि भारतीय वायुसेना सीमाओं के भीतर और बाहर दोनों जगह मानवीय सहायता प्रदान करने में सबसे आगे रही है।
 
परेड का एक अन्य आकर्षण ‘राष्ट्र निर्माण: पहले भी, अब भी, आगे भी और हमेशा’ थीम पर आधारित झांकी थी। इसमें राष्ट्र के प्रति पूर्व सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को प्रदर्शित किया गया।
 
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपनी झांकी में अपने द्वारा विकसित कई घरेलू महत्वपूर्ण प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया। झांकी भूमि, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष के सभी पांच क्षेत्रों में रक्षा कवच प्रदान करके राष्ट्र की रक्षा करने में महिला शक्ति की थीम पर आधारित थी।
 
उत्कृष्ट वैज्ञानिक सुनीता देवी जेना कंटिंजेट कमांडर थीं। उनके साथ पी लक्ष्मी माधवी, जे सुजाना चौधरी और ए भुवनेश्वरी भी मौजूद थीं।
 
परेड में पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, अग्नि -5, सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, नौसेना एंटी-शिप मिसाइल, और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 'हेलिना' का भी प्रदर्शन किया गया।
 
सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (QRSAM), हल्के लड़ाकू विमान 'तेजस', उत्तम सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक स्कैन किए गए ऐरे रडार (एईएसएआर), उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और शक्ति साइबर सुरक्षा प्रणाली भी परेड में प्रदर्शित की गईं।
Edited by : Nrapendra Gupta 
ये भी पढ़ें
देशभर में धूमधाम से मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह