जेल में बंद कैदी भाईयों को नहीं बांधने दी राखी, देशभर से आईं बहनों ने कई घंटों तक किया हंगामा, देखें वीडियो
इंदौर, भोपाल, उज्जैन, रतलाम, ग्वालियर और मुंबई से आई बहनों ने किया प्रदर्शन
विभिन्न जिलों से सुबह 6 बजे राखी बांधने इंदौर सेंट्रल जेल पहुंची बहनें, जेल प्रशासन ने नहीं दी एंट्री
जेल में एंट्री नहीं मिलने से नाराज बहनों ने जेल के बाहर और रोड पर किया चक्काजाम, कई घंटे हंगामा, यातायात रोका, लोग हुए परेशान
इंदौर के सेंट्रल जेल में गुरुवार को बड़ी संख्या में अपने कैदी भाईयों को राखी बांधने के लिए पहुंची बहनों को जेल प्रशासन ने जेल में एंट्री नहीं दी। जिससे सैकड़ों बहनें अपने भाईयों को राखी नहीं बांध सकीं। गुस्साई और नाराज बहनों ने जेल के सामने और डीआरपी चौराहे पर कई घंटों तक जमकर हंगामा और प्रदर्शन किया। उन्होंने आने जाने वालों का रास्ता रोका और यातायात को प्रभावित किया।
दरअसल, देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। राखी बांधने के लिए इस दिन बहनें जेलों में बंद अपने भाईयों को राखी बांधने के लिए जाती हैं। इंदौर के सेंट्रल जेल में बंद कैदी भाईयों को राखी बांधने के लिए जब बहनें यहां आई तो जेल प्रशासन ने उन्हें जेल में जाने और राखी बांधने की इजाजत नहीं दी।
रक्षाबंधन के दिन इंदौर, उज्जैन, रतलाम, ग्वालियर और मुंबई समेत आसपास के कई शहरों और ग्रामीण इलाकों से बहनें राखी बांधने इंदौर के सेंट्रल जेल आई थी। प्रशासन द्वारा जेल में एंट्री नहीं दिए जाने से नाराज बहनों ने डीआरपी लाइन चौराहे पर और जेल के सामने जमकर हंगामा और प्रदर्शन किया। सुबह करीब 6 बजे से बहनें राखी बांधने के लिए जेल आने लगी थीं, इसके बाद उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया तो उन्होंने वहां प्रदर्शन शुरू कर दिया। गुरुवार को दोपहर तक यह हंगामा जारी रहा। उन्होंने प्रदर्शन स्थल से आने जाने वाले वाहनों को रोका। इस बीच यहां भारी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की गई।
कोरोना का बनाया बहाना
इंदौर जिले और देश के अलग अलग शहरों से आई बहनों ने वेबदुनिया को बताया कि उन्हें पहले से इस बारे में कोई सूचना दी गई कि राखी नहीं बांधने दी जाएगी। जब वे यहां पहुंची तो अंदर नहीं जाने दिया गया। उन्होंने बताया कि अधिकारियों का कहना है कि कुछ कैदियों को कोरोना संक्रमण हो गया है, जिसकी वजह से वे उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जाएगा।
दूर दराज इलाकों से आई महिलाओं बताया कि वे सुबह 6 बजे से यहां पहुंच गई थी, लेकिन कोरोना का बहाना बनाकर उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुहर्रम के दौरान हजारों बहनों को जेल में बंद अपनी बहनों से मिलने दिया गया, लेकिन राखी के दिन पुलिस प्रशासन कोरोना का बहाना बना रहा है।
दो हजार दे दो तो मुलाकात हो जाएगी
इंदौर से आई रचना ने बताया कि राखी नहीं बांधने दी गई। पुलिस वाले कहते हैं कि थैली में दे दो राखी हम अंदर भेज देंगे। एक महिला ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस वालों को दो से तीन हजार दे दो तो मुलाकात हो जाएगी। लेकिन राखी के दिन हमें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। ये कहां का न्याय है। एक बहन ने बताया कि मेरे तीन भाई जेल में हैं, उन्हें राखी बांधने आई तो प्रशासन ने मना कर दिया। उसने बताया कि वो मुंबई से आई है। अगर ऐसा था तो उन्हें पहले बता दिया जाना चाहिए था।
चुनाव में कोरोना नहीं था क्या?
भोपाल से आई एक महिला ने ने बताया कि जेल प्रशासन कल यानी शुक्रवार को आने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने बताया कि राखी तो आज है, आज त्योहार है, कल क्या करेंगे राखी बांधकर। धार से आई राधा बाई ने कहा कि प्रशासन का कहना है कोरोना सात लोगों को राखी लिफाफे में रखकर दे दो। उन्होंने बताया कि क्या कोरोना चुनाव के समय नहीं था। देर तक महिलाओं ने चौराहे पर हंगामा किया। चक्का जाम किया। जिससे आने जाने वालों को भारी परेशानी हुई। कुछ लोगों के साथ प्रदर्शनकारी महिलाओं का विवाद भी हुआ।
जेल निदेशालय से आदेश नहीं है
जेल निदेशालय का आदेश है कि कोरोना की वजह से राखी बांधने का ऐसा कोई आयोजन नहीं किया जाएगा। चूंकि कोरोना की वजह से पिछले साल भी ऐसा नहीं करने दिया गया था। इसके बदले बहनें अपनी राखी लिफाफे में रखकर भाई का नाम लिखकर दे दें, हम उसे कैदी तक पहुंचा देंगे। - अरविंद सिंह तोमर, सेंट्रल जेल प्रशासन, इंदौर
राखी भाईयों तक भेज दी जाएगी
विभिन्न जिलों से बहनें राखी बांधने के लिए इंदौर आई हैं, लेकिन भोपाल से आदेश आए हैं कि ऐसा कोई आयोजन नहीं किया जाएगा, बहनों की राखी लेकर जेल में बंद कैदी भाईयों तक पहुंचा दी जाएगी। - संतोष यादव , थाना प्रभारी