गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Rahul Gandhi reached Churachandpur by helicopter, the convoy was stopped due to fear of attack
Written By
Last Modified: इंफाल , गुरुवार, 29 जून 2023 (17:42 IST)

राहुल गांधी हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर पहुंचे, हमले की आशंका के चलते रोका था काफिला

Rahul Gandhi
Rahul Gandhi's visit to Manipur : मणिपुर दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को बिष्णुपुर में घंटों फंसे रहने के बाद चुराचांदपुर के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना हुए। वहीं बिष्णुपुर एसपी ने कहा कि राहुल गांधी जिस रास्ते से जाना चाहते, वहां उन पर ग्रेनेड से हमला हो सकता था। 
 
क्षेत्र में राहत शिविरों का दौरा करने के लिए चुराचांदपुर जा रहे गांधी के काफिले को राज्य की राजधानी से लगभग 20 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर में पुलिस ने रोक दिया था। हवाई अड्डे पर एक सूत्र ने बताया, राहुल गांधी ने चुराचांदपुर जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया। पुलिस और प्रशासन के शीर्ष अधिकारी हेलीकॉप्टर में उनके साथ थे।
 
सूत्रों ने बताया कि हिंसा प्रभावित मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा पर आए कांग्रेस नेता गांधी बिष्णुपुर से इंफाल हवाई अड्डे पर वापस आए और हेलीकॉप्टर में सवार हुए। इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार हिंसा प्रभावित राज्य में गांधी की यात्रा को विफल करने का प्रयास कर रही है।
 
दूसरी ओर, भाजपा ने दावा किया कि गांधी को हेलीकॉप्टर से जाने के लिए कहा गया था क्योंकि उनकी यात्रा का विभिन्न वर्गों ने विरोध किया था लेकिन वह सड़क मार्ग से यात्रा करने पर अड़े हुए थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रास्ते में हिंसा की आशंका के चलते काफिले को रोका गया।
 
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, उनकी सुरक्षा को खतरा है। हम राहुल गांधी को आगे बढ़ने देने का जोखिम नहीं उठा सकते। बिष्णुपुर एसपी एच. बलराम सिंह ने कहा कि जमीनी हालात को देखते हुए हमने उन्हें (राहुल गांधी को) आगे बढ़ने से रोका और हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर जाने की सलाह दी। पहाड़ी इलाकों की ओर जाने पर वीआईपी पर ग्रेनेड से हमला होने की आशंका है। 
 
कांग्रेस ने हालांकि आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें गांधी की यात्रा को रोकने के लिए निरंकुश तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, डबल इंजन वाली विनाशकारी सरकारें राहुल गांधी की लोगों तक पहुंच को रोकने के लिए निरंकुश तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और सभी संवैधानिक और लोकतांत्रिक मानदंडों को ध्वस्त करता है। मणिपुर को शांति की जरूरत है, टकराव की नहीं।
 
उन्होंने कहा, गांधी राहत शिविरों में पीड़ित लोगों से मिलने और उन्हें सांत्वना देने के लिए वहां जा रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र ने आरोप लगाया कि गांधी के काफिले को रोकने का आदेश मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की ओर से आया था क्योंकि हर कोई उनका स्वागत कर रहा था।
 
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार गांधी को राहत शिविरों का दौरा करने और इंफाल के बाहर लोगों से बातचीत करने से रोक रही है। रमेश ने पूछा, उनकी दो दिवसीय मणिपुर यात्रा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की भावना के अनुरूप है। प्रधानमंत्री चुप रहना या निष्क्रिय रहना चुन सकते हैं, लेकिन मणिपुरी समाज के सभी वर्गों को सुनने और उन्हें सांत्वना देने के राहुल गांधी के प्रयासों को क्यों रोका जाए?
 
भाजपा ने हालांकि आश्चर्य जताया कि गांधी चुराचांदपुर हेलीकॉप्टर से क्यों नहीं जाना चाह रहे। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा का मणिपुर में कई नागरिक समाज संगठनों और छात्र संघों ने पुरजोर विरोध किया है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने गांधी से हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, क्षुद्र राजनीतिक लाभ के लिए अड़ियल रवैया अपनाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि संवेदनशील स्थिति को समझा जाए।
 
पुलिस सूत्रों ने कहा कि बिष्णुपुर जिले के उटलोऊ गांव के निकट राजमार्ग पर टायर जलाए गए और काफिले पर कुछ पत्थर फेंके गए। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, हमें ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति की आशंका है और इसलिए एहतियातन काफिले को बिष्णुपुर में रुकने का अनुरोध किया था।
 
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं।
 
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
ये भी पढ़ें
Aadhaar card : 24 घंटे में नहीं किया यह काम तो बेकार हो जाएगा आपका PAN Card