श्रीराम ग्रुप के आर. त्यागराजन ने कर्मचारियों को दान की 6 हजार करोड़ की संपत्ति
दानवीर कर्ण को आज भी दुनिया के सबसे बड़े दानी माने जाते हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि स्नान के बाद कर्ण से जो भी मांगा जाता था, वो उसे दे देते थे। हम आज आपको कलयुगी दानवीर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी लगभग सारी संपत्ति दान कर दी है। श्रीराम ग्रुप (Shriram Group) के फाउंडर आर. त्यागराजन (R. Thyagarajan) ने अपने पास केवल एक छोटा सा घर रखा और उन्होंने 5 हजार डॉलर की कार को छोड़कर अपनी लगभग सारी संपत्ति कुछ कर्मचारियों को दान में दे दी है।
आर. त्यागराजन (R Thyagarajan) दुनिया के विलक्षण फाइनेंसरों में से एक हैं। ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में 86 वर्षीय के त्यागराजन ने कहा कि मैंने 750 मिलियन डॉलर (करीब 6 हजार करोड़ रुपए) का दान दिया है, लेकिन यह कोई नई बात नहीं है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह दान कब दिया है।
भारत की प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) में से एक श्रीराम ग्रुप ट्रकों, ट्रैक्टरों और अन्य व्हीकल के लिए भारत के गरीबों को लोन देने में अग्रणी है। इस ग्रुप ने बीमा से लेकर स्टॉक ब्रोकिंग तक 1,08,000 लोगों को रोजगार दिया है।
त्यागराजन अब 86 वर्ष के हो चुके हैं और एक सलाहकार की भूमिका में आ गए हैं। त्यागराजन ने ब्लूमबर्ग को बताया कि उन्होंने इंडस्ट्री में यह साबित करने के लिए प्रवेश किया कि बिना क्रेडिट हिस्ट्री या बिना रेगुलर इंकम वाले लोगों को लोन देना उतना जोखिमभरा नहीं है जितना माना जाता है।
त्यागराजन 'आरटी' के नाम से मशहूर हैं। उन्होंने चेन्नई में श्रीराम ग्रुप की स्थापना 1974 में की थी। त्यागराजन का मानना है कि गरीबों को लोन देना समाजवाद का एक रूप है। उन्होंने कहा कि मैं थोड़ा सा वामपंथी हूं, लेकिन मैं उन लोगों के जीवन से कुछ बुरा खत्म करना चाहता हूं, जो समस्याओं में उलझे हुए हैं। त्यागराजन का तर्क है कि गरीबों को ऋण देना समाजवाद का एक रूप है।(फोटो साभार : Prashanth Vishwanathan/Bloomberg)
Edited by: Ravindra Gupta