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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 10 जुलाई 2023 (17:14 IST)

भारत में कैदियों को टीबी का खतरा 5 गुना ज्‍यादा, शोधकर्ताओं की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

भारत में कैदियों को टीबी का खतरा 5 गुना ज्‍यादा, शोधकर्ताओं की रिपोर्ट से हुआ खुलासा - Prisoners in India five times more at risk of tuberculosis
Prisoners at risk of TB in India : भारत में कैदियों को सामान्य आबादी की तुलना में तपेदिक (TB) होने का खतरा 5 गुना अधिक है। शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने वर्ष 2000 और 2019 के बीच 195 में से 193 देशों के डेटा का विश्लेषण करते हुए पहली बार जेल में बंद व्यक्तियों में टीबी की दर का अनुमान लगाया।
 
लैंसेट पब्लिक हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित एक वैश्विक अध्ययन में यह बात कही गई है। शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने वर्ष 2000 और 2019 के बीच 195 में से 193 देशों के डेटा का विश्लेषण करते हुए पहली बार जेल में बंद व्यक्तियों में टीबी की दर का अनुमान लगाया।
 
पत्रिका के जुलाई संस्करण में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि भारत की जेलों में प्रति 100,000 व्यक्तियों पर टीबी के 1,076 मामले थे। पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में देश में तपेदिक के मामले प्रति एक लाख की आबादी पर 210 थे।
 
शोधकर्ताओं ने पाया कि वैश्विक स्तर पर सामान्य आबादी की तुलना में जेल में बंद लोगों में तपेदिक होने का खतरा लगभग 10 गुना अधिक है। शोधकर्ताओं ने देश स्तर पर तपेदिक के मामलों की दर और जेलों में भीड़भाड़ के बीच एक मजबूत संबंध पाया।
 
अध्ययन की अगुवाई कर रहे अमेरिका के बोस्टन विश्वविद्यालय के लियोनार्डो मार्टिनेज ने एक बयान में कहा, तपेदिक और भीड़भाड़ के बीच यह संबंध बताता है कि हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या को सीमित करने के प्रयास जेलों में टीबी महामारी से निपटने के लिए एक संभावित सार्वजनिक स्वास्थ्य औजार हो सकते हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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