शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. pm modi underlined importance of properly handling differences during his meeting with jinping
Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 30 नवंबर 2024 (01:02 IST)

India-China : PM मोदी ने जिनपिंग के साथ बैठक के दौरान मतभेदों को निपटाने पर दिया जोर, क्या बोले विदेश मंत्री

India-China : PM मोदी ने जिनपिंग के साथ बैठक के दौरान मतभेदों को निपटाने पर दिया जोर, क्या बोले विदेश मंत्री - pm modi underlined importance of properly handling differences during his meeting with jinping
पिछले महीने कजान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और चीन के बीच मतभेदों और विवादों को ठीक से निपटाने और इनके चलते सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द को नहीं बिगड़ने देने के महत्व को रेखांकित किया।
 
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उनसे पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ सीमा मुद्दे से जुड़ा एक सवाल किया गया था।
 
भारत और चीन के बीच डेमचोक और डेपसांग में सैनिकों की वापसी पर समझौता के दो दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी और चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को कजान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर बातचीत की थी। डेमचोक और डेपसांग पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध के दो आखिरी स्थान थे।
 
दोनों स्थानों पर सैनिकों की वापसी से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच चार साल से अधिक समय से चले आ रहे गतिरोध का एक तरह से अंत हो गया।
 
एक प्रेस कॉन्फेंस विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने विवादित क्षेत्रों में गश्त पर एक सवाल का जवाब देते हुए केवल इतना कहा कि काम किया जा रहा है और प्रगति हो रही है।
लोकसभा में अपने जवाब में जयशंकर ने कहा कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में 2020 में उत्पन्न प्रासंगिक मुद्दों के पूर्ण समाधान और सैनिकों की वापसी के समझौते का स्वागत किया।
 
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मतभेदों और विवादों से उचित तरीके से निपटने और उन्हें सीमा क्षेत्र में शांति भंग होने का कारण बनने की इजाजत नहीं देने के महत्व को रेखांकित किया।
 
विदेश मंत्री ने 21 अक्टूबर को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान द्वारा की गई टिप्पणियों का भी उल्लेख किया। अधिकारी ने कहा था कि चीन इस दिशा में प्रगति की सराहना करता है और इन प्रस्तावों के ठोस कार्यान्वयन के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।
जयशंकर ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच बैठक के बाद चीन के विदेश मंत्रालय के बयान में उल्लेख किया गया कि दोनों नेताओं ने सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रासंगिक मुद्दों को हल करने के लिए गहन संचार के माध्यम से हुई महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना की।
 
उन्होंने कहा कि सरकार नियमित रूप से स्थापित तंत्रों के माध्यम से चीनी पक्ष के साथ एलएसी पर किसी भी उल्लंघन को उठाती है, जिसमें सीमा कर्मियों की बैठकें, ‘फ्लैग मीटिंग’, भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की बैठकों के साथ-साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से किये जाने वाले प्रयास शामिल हैं।
 
उन्होंने कहा कि 23 अक्टूबर को कजान में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच बैठक के दौरान, इस बात पर सहमति हुई कि द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने और पुनर्निर्माण के लिए विदेश मंत्री और अन्य अधिकारियों के स्तर पर प्रासंगिक वार्ता तंत्र का उपयोग किया जाएगा।
 
जयशंकर ने 18 नवंबर को ब्राजील में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ अपनी मुलाकात का भी जिक्र किया।
 
उन्होंने कहा कि चर्चा भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर केंद्रित थी। इस बात पर सहमति हुई कि विशेष प्रतिनिधियों और विदेश सचिव-उप मंत्री स्तर की एक बैठक जल्द ही होगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान जिन चीजों पर चर्चा हुई उनमें कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा को फिर से शुरू करना, सीमा पार नदियों पर डेटा साझा करना, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और मीडिया आदान-प्रदान शामिल थे। इनपुट भाषा