बड़ी खबर! राष्ट्रपति की दौड़ में सुमित्रा महाजन सबसे आगे...
भारत में राष्ट्रपति चुनाव के लिए गहमागहमी शुरू हो गई। सत्ता पक्ष और विपक्ष से जुड़े राजनीति दल भी अपनी-अपनी कवायद में जुट गए हैं। सत्ता पक्ष की ओर से यूं तो कई नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन सबसे ऊपर जो नाम चल रहा है कि वह है लोकसभा अध्यक्ष और इंदौर की सांसद सुमित्रा महाजन का। खबर है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ओर से श्रीमती महाजन को पूरे हफ्ते दिल्ली में ही रहने का संदेश मिला है। हालांकि इस समय महाजन इंफाल की यात्रा पर हैं और वे कल यानी शुक्रवार को दिल्ली पहुंच रही हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान राष्ट्रपति का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और यह राष्ट्रपति के लिए पंद्रहवां चुनाव होगा। राष्ट्रपति का चुनाव 17 जुलाई को होगा। इसके लिए चुनाव आयोग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार 28 जून तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं। मतदान 17 जुलाई को सुबह 10 से शाम पांच बजे के बीच होगा।
इस बीच, राष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति बनाने के लिए भाजपा की ओर से तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें केन्द्रीय मंत्री राजनाथसिंह, वेंकैया नायडू और अरुण जेटली शामिल हैं। इस समिति ने विपक्षी दलों से संपर्क साधना भी शरू कर दिया है और अब तक बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और माकपा से फोन पर बात की है। यह समिति शीघ्र ही सोनिया गांधी से भी मिलने वाली है।
चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 24 जून को अमेरिका की यात्रा पर रवाना होना है। अत: पार्टी उससे पहले ही अपने उम्मीदवार का नामांकन दाखिल करना चाहेगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर गत 26 मई को 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के बाद यह कहा गया था कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए सर्वसम्मति बनाने के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए।
सुमित्रा महाजन का दावा देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए इसलिए भी मजबूत माना जा रहा है क्योंकि महिला होने के साथ ही उनकी छवि निर्विवाद है। इसके चलते उन्हें विपक्षी दलों का भी सहयोग मिल सकता है। चूंकि सांसद के रूप में उनका कार्यकाल काफी लंबा रहा है, इसलिए उनके पक्ष और विपक्ष के सभी सांसदों से मधुर संबंध हैं। मराठी होने के नाते उन्हें महाराष्ट्र से भी अच्छा समर्थन मिल सकता है। शरद पवार के नाम को आगे बढ़ा रही शिवसेना मराठी होने के नाते महाजन के नाम पर आसानी से सहमत हो सकती है।
दूसरी ओर विपक्ष की ओर से अभी कोई सर्वमान्य नाम सामने नहीं आया है, लेकिन समझा रहा है कि यदि राष्ट्रपति पद के लिए किसी नाम पर सर्वसम्मति नहीं बनने की स्थिति में विपक्ष की ओर से गोपाल कृष्ण गांधी को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण राजनयिक और पश्चिम बंगाल के राष्ट्रपाल रह चुके हैं। वामपंथी दलों को भी गांधी के नाम पर कोई आपत्ति नहीं होगी।
ये भी हैं दावेदार : सत्ता पक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आदि के नाम भी सामने आ रहे हैं।
अयोध्या मामले में नाम आने के बाद आडवाणी और जोशी का दावा पहले ही कमजोर हो चुका है। इससे एक बात तय मानी जा रही है कि पीएम इन वेटिंग आडवाणी अब प्रेसिडेंट इन वेटिंग भी रहने वाले हैं। वहीं संघ प्रुमख पहले ही राष्ट्रपति बनने से इंकार कर चुके हैं। महिला और आदिवासी होने के नाते मुर्मू का दावा भी मजबूत माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और उद्योगपति रतन टाटा का नाम भी इस पद के लिए चल रहा है।