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Last Modified: गुरुवार, 15 जून 2017 (14:15 IST)

सोशल: मेरे 10 शब्दों के वाक्य में आठ शब्द गाली ही है: IAS अफ़सर

सोशल: मेरे 10 शब्दों के वाक्य में आठ शब्द गाली ही है: IAS अफ़सर - Maniram Sharma  IAS Officer Haryana
हरियाणा सरकार के आईएएस अफ़सर मणिराम शर्मा अपनी विवादित फ़ेसबुक पोस्ट को लेकर चर्चा में हैं। अपनी फ़ेसबुक पोस्ट में उन्होंने स्वच्छता अभियान का ज़िक्र किया है, लेकिन ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया है जिस पर हरियाणा के ज़िला नूह के कई लोग उनकी भाषा पर आपत्ति जता रहे हैं। 2009 बैच के आईएएस अफ़सर मणिराम शर्मा नूह (मेवात) के ज़िला मैजिस्ट्रेट (उपायुक्त) हैं।
 
'मैंने तसल्ली से अकड़ ढीली कर दी'
उन्होंने फ़ेसबुक पर मंगलवार को एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें कुछ लोगों को घुटने के बल बैठा दिखाया गया है और पुलिस उनके इर्द-गिर्द खड़ी है।
 
तस्वीर के साथ मणिराम शर्मा ने लिखा-
सालाहेडी और सलम्बा। खुले में शौच के लिए दो सर्वाधिक बदनाम गांव। दोनों गांव में बड़े-बड़े लोग। उनसे ज्यादा संख्या में बड़े-बड़े लोगों के चमचे। इस चमचागिरी की ताकत के दम पर ही ना ये सरपंच की सुनते हैं और ना ही जिला प्रशासन की। आज इनकी अकड ढीली करनी थी और तसल्ली से ढीली कर भी दी।
फ़ोटो में दिखने वाले चारों व्यक्ति न केवल सम्पन्न और पहुंच रखने वाले हैं, बल्कि इनके घरों में शौचालय भी हैं। फिर भी चमचागिरी की ताकत का भरोसा कुछ ज्यादा ही था इनको। इनको न केवल विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार किया गया और फिर पंचायत खाते में जुर्माना भी वसूल किया गया।
 
शर्मा ने आगे लिखा, "एक तरफ कहते हैं कि खुले में शौच करने वालों का ना रोज़ा कबूल होता है और ना नमाज़। वहीं दूसरी तरफ पाक रमज़ान में यह हरकत। नाकाबिले बर्दाश्त तो है ही। जाहिर सी बात है कि फोर्स इसी हिसाब से धावा बोलेगी।"
 
'शर्मा की भाषा अधिकारी जैसी नहीं'
मणिराम शर्मा की इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए मोहम्मद साबिर शम्सी ने लिखा, "यह कहना सही नहीं कि खुले में शौच करने वालों का रोज़ा नमाज़ कुबूल नहीं होता। जो भाषा आपने इस्तेमाल की है यह बिलकुल भी अच्छे इंसान की भाषा नहीं है। इस तरह की भाषा का प्रयोग कोई घमंडी आदमी ही कर सकता है। यह किसी बड़े अधिकारी या कलेक्टर की भाषा नहीं हो सकती।"
 
कई लोगों ने कथित तौर पर 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत की गई उनकी कार्रवाई को सही बताया है, लेकिन उनकी भाषा शैली को लेकर ज़्यादातर लोगों ने आपत्ति जताई। इस पोस्ट को लेकर बीबीसी संवाददाता प्रशांत चाहल ने मणिराम शर्मा से बात करने चाही, लेकिन विवादित फ़ेसबुक पोस्ट से जुड़े पहले सवाल पर शर्मा ने फ़ोन काट दिया।
 
'मेरे भाषा ऐसी ही है, मुझे इससे प्यार है'
इस बीच मणिराम शर्मा ने एक और फ़ेसबुक पोस्ट डाली। इसमें उनकी भाषा को लेकर आपत्ति जता रहे लोगों को चुनौती देते हुए उन्होंने लिखा-
"कुछ लोगों को मेरी भाषा-शैली पर आपत्ति है। संख्या ज्यादा ही है। आपत्ति करने वालों ने मेरी भाषा अभी सुनी ही कहां है। मेरी भाषा में दस शब्दों वाले वाक्य में आठ शब्द गाली ही होते हैं। वही मेरी ऑरिजनल भाषा है। और मुझे अपनी भाषा से बहुत प्यार है। आप लोगों को जाकर UPSC में शिकायत अवश्य करनी चाहिए, जिन्होंने एक बार नहीं, दो बार नहीं; बल्कि तीन बार मुझे IAS सिलेक्ट किया और वह भी बिना किसी रिज़र्वेशन के।"
 
'अल्पसंख्यकों के गांव हैं सालाहेडी और सलम्बा'
बीबीसी से बात करते हुए हरियाणा सरकार के पूर्व परिवहन मंत्री और नूह (मेवात) के पूर्व विधायक आफ़ताब अहमद ने मणिराम शर्मा की फ़ेसबुक पोस्ट की निंदा की।
 
आफ़ताब अहमद ने कहा, "सालाहेडी और सलम्बा, दोनों ही अल्पसंख्यकों के गांव हैं। छह से सात हज़ार दोनों की आबादी है। ज़्यादातर लोग कामगार हैं और गरीब हैं। इनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को समझे बिना, इन्हें 'बदनाम' कहना ठीक नहीं है।"
 
शौच पर छापेमारी जारी रहेगी
बुधवार सुबह अपनी ताज़ा फ़ेसबुक पोस्ट में शर्मा ने जानकारी दी है, "सुबह साढ़े 4 बजे से 6 बजे के बीच होने वाली छापेमारी जारी रहेगी। अगले गांव होंगे आलदोका, कुरथला, छापेडा और छाछेडा। एक्शन में कोई नरमी मंजूर नहीं। छापेमारी जारी रहेगी दिल से।"
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