• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. pre monsoon rainfall 22 lower than usual across india says imd highest deficiency recorded in all 4 southern states
Written By
Last Modified: सोमवार, 20 मई 2019 (15:32 IST)

मौसम अपडेट : अगले 2-3 दिनों में अंडमान द्वीप पहुंचेगा मानसून, प्री मानसून में गिरावट ने बढ़ाई चिंता

मौसम अपडेट : अगले 2-3 दिनों में अंडमान द्वीप पहुंचेगा मानसून, प्री मानसून में गिरावट ने बढ़ाई चिंता - pre monsoon rainfall 22 lower than usual across india says imd highest deficiency recorded in all 4 southern states
नई दिल्ली। भारत के कई हिस्सों में खेती के महत्वपूर्ण समय मार्च से मई महीने तक प्री मानसून बारिश में 22 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने 1 मार्च से 15 मई तक 75.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की, जो कि सामान्य से करीब 22 प्रतिशत कम है। इस अवधि में सामान्य बारिश 96.8 मिमी होती है। इस बीच एक अच्‍छी खबर भी है‍ कि आने वाले मानसून की रफ्तार ठीक है और वह अगले 2-3 दिनों में अंडमान द्वीप पहुंच जाएगा।
 
मॉनसून से आने वाला प्री मानसून देश के कुछ हिस्सों में बागवानी फसलों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ओडिशा जैसे राज्यों में मॉनसून पूर्व मौसम में खेतों की जुताई की जाती है, जबकि देश के पूर्वोत्तर हिस्से और पश्चिमी घाट में फसल रोपण के लिए यह महत्वपूर्ण समय होता है। मौसम विभाग ने 1 मार्च से 24 अप्रैल तक बारिश में 27 प्रतिशत तक कमी दर्ज की।
 
मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पूर्व मॉनसून दक्षिण अंडमान सागर में आगे बढ़ गया है और इसके अगले 2-3 तीन दिनों में उत्तर अंडमान सागर और अंडमान सागर पहुंचने की अनुकूल दशाएं हैं। मौसम विभाग के चार मौसमी संभागों में दक्षिणी प्रायद्वीप में आने वाले दक्षिणी राज्यों में मॉनसून पूर्व बारिश में 46 प्रतिशत की कमी दर्ज की, जो कि देश में सर्वाधिक है।
 
इसके बाद उत्तर पश्चिम सबडिवीजन आता है। इसमें सभी उत्तरी भारतीय राज्य आते हैं। यहां 1 मार्च से 24 अप्रैल तक 36 प्रतिशत प्री मानसून बारिश दर्ज की गई। लेकिन कई हिस्सों में बारिश होने के चलते इसमें 2 प्रतिशत की कमी आई। पूर्वी और उत्तर पूर्व क्षेत्र में आने वाले झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश में 7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
 
मध्य क्षेत्र में आने वाले महाराष्ट्र, गोवा, छत्तीसगढ़, गुजरात और मध्यप्रदेश में बारिश में कोई कमी दर्ज नहीं की गई है। हालांकि 1 मार्च से 24 अप्रैल तक मध्य संभाग में मानसून की बारिश सामान्य से 5 प्रतिशत कम दर्ज की गई। इन राज्यों में प्रचंड लू भी महसूस की जा रही है और महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में कई बांधों का पानी सूख गया है।
 
रोपण फसलों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है प्री मानसून बारिश: मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वोत्तर भारत और पश्चिमी घाट के हिस्सों में मानसून पूर्व बारिश रोपण फसलों के लिए महत्वूपर्ण है। मध्यभारत में उपजाए जाने वाला गन्ना और कपास सिंचाई पर निर्भर करते हैं और उन्हें मॉनसून पूर्व बारिश की भी आवश्यकता रहती है। हिमालय के जंगली क्षेत्रों में सेब की बागवानी के लिए मानसून बारिश आवश्यक है।
 
इन राज्यों में हो सकती है बारिश : स्कायमेट वेदर के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में गरज के साथ अच्छी बारिश हो सकती है। केरल और कर्नाटक में हल्की बारिश की संभावना व्यक्त की जा रही है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, रायलसीमा और तटीय आंध्र प्रदेश में एक-दो स्थानों पर और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में बारिश हो सकती है। महाराष्ट्र के विदर्भ, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और दक्षिणी छत्तीसगढ़ में लू की स्थिति बनी रहेगी।
ये भी पढ़ें
अमेरिका के प्रतिबंध के बाद Huawei के विरुद्ध Google ने उठाया बड़ा कदम