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Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 22 जून 2024 (20:32 IST)

Axis My India के Exit Poll क्यों हुए गलत, प्रदीप गुप्ता ने बताया यह कारण...

Axis My India के Exit Poll क्यों हुए गलत, प्रदीप गुप्ता ने बताया यह कारण... - Pradeep Gupta gave this statement regarding the exit poll
Pradeep Gupta gave this statement regarding the exit poll : 'एक्सिस माई इंडिया' के प्रमुख प्रदीप गुप्ता ने अपने 'एग्जिट पोल' के गलत होने के लिए निर्णय की त्रुटि को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि चुनाव के अंतिम 3 चरणों में उत्तर प्रदेश को हल्के में लेना उन्हें भारी पड़ा।
 
गुप्ता ने कहा कि ओडिशा के चुनावों में पूर्व के सर्वेक्षणों के गलत साबित होने की वजह से उन्होंने अपने शीर्ष संसाधनों को उत्तर प्रदेश से हटाकर देश के पूर्वी राज्य (ओडिशा) में लगा दिया था।
 
‘एक्सिस माई इंडिया’ के ‘एग्जिट पोल’ ने लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले गठबंधन को 361-400 सीट मिलने का अनुमान जताया था, जिसमें उत्तर प्रदेश की कुल 80 में से 67 सीट पर संभावित जीत शामिल थी, लेकिन वास्तविक चुनाव परिणामों में भाजपा को 240 सीट मिलीं और वह अपने दम पर बहुमत के आंकड़े से चूक गई। इसने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को 131-166 सीट मिलने का अनुमान जताया था।
उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए सबसे बड़ा उलटफेर वाला राज्य साबित हुआ, जहां उसे सिर्फ 33 सीट मिलीं। गुप्ता ने कहा कि ‘एक्सिस माई इंडिया’ के ‘एग्जिट पोल’ का अनुमान व्यक्त करने का तरीका गलत नहीं हुआ, बल्कि महत्वपूर्ण राज्यों में संसाधनों की तैनाती गलत हुई।
 
उन्होंने कहा, हमारे पास चुनावों का अनुमान व्यक्त करने के लिए एक अचूक पद्धति है, यह हमारी पद्धति नहीं थी, जो गलत हुई। मैंने अपने वरिष्ठ संसाधनों की तैनाती में गलती की और उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों को हल्के में लिया। ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली (केंद्र) में सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। यह एक सबक है कि ‘एग्जिट पोल’ के मामले में कभी भी किसी राज्य को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
 
हम बुरी तरह से गलत साबित हुए : उन्होंने कहा, हालांकि राजग (भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने सरकार बनाई, लेकिन हमने जो सीट का अनुमान जताया था और भाजपा को वास्तव में मिली सीट की संख्या में बहुत बड़ा अंतर था। हम गलत साबित हुए। तीन राज्य जहां हम बुरी तरह से गलत साबित हुए, वे थे- उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र।
 
गुप्ता ने संसाधनों की तैनाती सहित अपनी गलतियों के बारे में अपने विश्लेषण को स्पष्ट करते हुए कहा, उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में सीट में काफी अंतर था। अस्सी में से 41 सीट पर पांचवें, छठे और सातवें चरण में मतदान हुआ। उसी दौरान हरियाणा और दिल्ली में एक ही चरण में चुनाव हुए, जबकि पंजाब और हिमाचल प्रदेश में सातवें चरण में। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ कि ओडिशा और झारखंड में भी इन चरणों में मतदान हुआ।
गुप्ता ने कहा, आमतौर पर अन्य राज्यों के चुनाव शुरुआती चरणों में समाप्त हो जाते थे और अंतिम चरण में पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में चुनाव होते थे। दिल्ली में भी राजनीतिक परिदृश्य ऐसा था कि अरविंद केजरीवाल चुनाव से ठीक पहले जेल से बाहर आए थे। आम आदमी पार्टी का प्रभाव भी इन तीन राज्यों में ही होना था।
 
हमने बेहतरीन संसाधनों को उप्र में नहीं लगाया : उन्होंने कहा, वर्ष 2019 में हमने सही अनुमान व्यक्त किया था। हम इस बार ओडिशा को लेकर ज्यादा सावधान थे, ताकि पिछली बार की तरह कोई चूक न हो जाए। गुप्ता ने कहा कि पिछले चार चुनाव में उत्तर प्रदेश के लिए हमारे अनुमान एकदम सटीक थे और हमने अपने बेहतरीन संसाधनों को उत्तर प्रदेश में नहीं लगाया। पांचवें, छठे और सातवें चरण में भी हमने ऐसा ही किया और यहीं पर मुझसे गलती हुई। उन्होंने कहा, यह निर्णय की त्रुटि थी।
 
पचपन वर्षीय गुप्ता उस वक्त विवादों में घिर गए, जब विपक्ष ने आरोप लगाया कि उन्होंने शेयर बाजार को प्रभावित करने के लिए जानबूझकर भाजपा की जीत का अनुमान जताया। ‘एग्जिट पोल’ की घोषणा के बाद शेयर बाजार ने जबरदस्त छलांग लगाई थी और रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था तथा मतगणना के दिन यह धड़ाम से गिर गया।
 
उन्होंने कहा, विभिन्न राज्यों में पर्यवेक्षकों, प्रशिक्षकों या कोच के रूप में 31 संसाधन भेजे गए, जबकि उत्तर प्रदेश में किसी को नहीं भेजा गया और यहीं पर हमसे गलती हुई। हमने उत्तर प्रदेश के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को भी बंगाल भेजा था, लेकिन राजनीतिक हिंसा के कारण वहां साक्षात्कार की दर कम थी और इससे फर्क पड़ा। उन्होंने कहा, वर्ष 2024 के चुनाव हमारे लिए एक सीख हैं कि किसी भी राज्य को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, खासकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को।
 
5.82 लाख मतदाताओं से की बात : गुप्ता ने कहा, चौसठ करोड़ मतदाताओं में से हमने 5.82 लाख मतदाताओं से बात की, जो एक प्रतिनिधित्व करने वाला नमूना आकार है। हमने 3,607 विधानसभा क्षेत्रों और 22,000 से अधिक गांवों को कवर किया। हमारे ऑन-ग्राउंड साक्षात्कारों की निगरानी एक टीम द्वारा की जाती है, किसी भी हेरफेर या पक्षपात की कोई संभावना नहीं है।
उन्होंने कहा, सभी ‘एग्जिट पोल’ कंपनियों ने इस बार इसी तरह के दावे किए। हम हमेशा अलग होते हैं, लेकिन इस बार हमने भी उनकी तरह अनुमान व्यक्त किया और यहीं हमने अवसर खो दिया, और यहीं हम गलत हो गए। गुप्ता के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से लौटने के बाद 2013 से ही ‘एक्सिस माई इंडिया’ ‘एग्जिट पोल’ कर रहा है और उनका दावा है कि 69 में से 65 चुनावों में सही अनुमान जताने का उनका रिकॉर्ड रहा है।
 
एक सर्वेक्षण लीक हो गया था : चुनाव के बीच में ही ‘एक्सिस माई इंडिया’ द्वारा किया गया एक कथित सर्वेक्षण लीक हो गया था, जिसमें कहा गया था कि भाजपा के 13 राज्यों में अपनी स्थिति सुधार पाने की कोई संभावना नहीं है और वह पिछली बार जीती गईं कुछ सीट गंवा देगी। गुप्ता ने इस सर्वेक्षण को फर्जी बताकर खारिज कर दिया था। हालांकि जब नतीजे सामने आए तो वे उस सर्वेक्षण के करीब थे, जिससे संदेह पैदा हुआ।
 
सबकुछ रिकॉर्ड किया जाता है : उन्होंने कहा, मेरे कार्यालय से कोई भी डेटा लीक नहीं हो सकता, सबकुछ रिकॉर्ड किया जाता है, क्लाउड सर्वर पर कुछ भी नहीं है, केवल आंतरिक सर्वर पर है। मोबाइल फोन की अनुमति नहीं है। किसी भी कंप्यूटर में इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, हम डेटा को लेकर इतने आश्वस्त हैं कि लीक होने का कोई सवाल ही नहीं है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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