Porsche car accident case Pune: पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि ऐसा दिखाने की कोशिश की गई कि रविवार को पोर्श कार से हुए हादसे के समय गाड़ी 17 वर्षीय किशोर नहीं चला रहा था और उसके बजाय एक वयस्क कार को चला रहा था। इस बीच, आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल समेत 6 लोगों को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सीसीटीवी से किशोर के कार चलाने की पुष्टि : पुलिस आयुक्त ने कहा कि तकनीकी और सीसीटीवी साक्ष्यों के आधार पर इस बात की पुष्टि हुई है कि कार को किशोर चला रहा था। उन्होंने कहा कि चश्मदीदों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि घटना के समय कार किशोर चला रहा था। कुमार ने कहा कि ऐसा दिखाने का प्रयास किया गया कि रविवार तड़के तीन बजे के आसपास जब शहर के कल्याणी नगर इलाके में पोर्श कार से दो लोगों को टक्कर लगी थी तब कार एक वयस्क (ड्राइवर) चला रहा था, किशोर नहीं।
उन्होंने स्वीकार किया कि रक्त के नमूने लेने में देरी हुई और रात 11 बजे नमूने लिए गए लेकिन हमारे मामले में खून की रिपोर्ट प्रमुख आधार नहीं है। कुमार ने कहा कि आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है और किशोर को अच्छी तरह पता था कि नशे की हालत में गाड़ी चलाने से इस तरह का अपराध हो सकता है और लोगों की जान जा सकती है।
अब 304 ए लगाई : एहतियाती उपाय के रूप में, एक अन्य प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए अतिरिक्त रक्त नमूने लिए गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नमूने और डीएनए रिपोर्ट दोनों एक ही व्यक्ति के हों। उन्होंने कहा कि हमें रक्त जांच की रिपोर्ट नहीं मिली हैं, लेकिन प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है। कुमार ने कहा कि प्रारंभिक प्राथमिकी में धारा 304 ए (लापरवाही से मौत) लागू की गई थी, लेकिन उसी दिन इसकी जगह धारा 304 को लागू किया गया।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि मामले को पुख्ता बनाने के लिए सभी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। एसीपी स्तर के एक अधिकारी को जांच सौंपी जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या सबूतों के साथ छेड़छाड़ या उन्हें नष्ट करने का कोई प्रयास किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि अदालत में पुलिस का पक्ष प्रभावी तरीके से रखने के लिए विशेष वकीलों की नियुक्ति की जाएगी।
कुछ पुलिसकर्मियों को गलत तरह से काम कराने के लिए मनाने के आरोपों के बारे में शिकायतों पर कुमार ने कहा कि पुलिस ने शुरू से ही सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि इसलिए यह कहना सही नहीं है कि पुलिस पर दबाव था या पुलिस की ओर से लापरवाही हुई। लेकिन यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि पहली बार में धारा 304 लागू क्यों नहीं की गई।
क्या आरोपी को थाने में पिज्जा-बर्गर खिलाया गया : वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि किशोर को थाने में पिज्जा और बर्गर खाने को दिए गए। उन्होंने कहा कि पिज्जा पार्टी होने के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। कुछ चश्मदीदों पर दबाव होने की शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि अगर इस तरह की बात सामने आई तो संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुणे के कल्याणी नगर में रविवार तड़के कथित तौर पर पोर्श कार चला रहे नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी जिससे दोनों की मौत हो गई थी।
पिता को न्यायिक हिरासत में भेजा : पुणे की एक अदालत ने शुक्रवार को पोर्श दुर्घटना मामले में 17 वर्षीय आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल समेत छह लोगों को सात जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी। अभियोजन पक्ष ने आगे की जांच के लिए उनकी पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था।
हालांकि, अदालत ने अग्रवाल और शराब परोसने वाले दो प्रतिष्ठानों के मालिक और कर्मचारियों समेत अन्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। किशोर ने अपनी पोर्श कार से मोटरसाइकिल पर सवार दो सॉफ्टवेयर पेशेवरों को कुचलने से पहले इन जगहों पर कथित तौर पर शराब पी थी। (भाषा/वेबदुनिया)